सुपौल: गणपतगंज में आयोजित हुई एक दिवसीय संत निरंकारी सत्संग, शामिल हुए हजारों लोग

गुरु की कृपा से ही हरि के नाम की ज्ञान प्राप्त होती है और यह तभी संभव है जब गुरु निहाल हो : जयकिशोर प्रसाद

न्यूज डेस्क सुपौल:

गुरु की कृपा से ही हरि के नाम की ज्ञान प्राप्त होती है और यह तभी संभव है जब गुरु निहाल हो। यह विचार सहरसा से आए संत निरंकारी मिशन के संयोजक सह ज्ञान प्रचारक महात्मा जयकिशोर प्रसाद ने प्रखंड क्षेत्र के गणपतगंज स्थित प्लाय मिल में आयोजित एक दिवसीय संत निरंकारी सत्संग में प्रकट किए।

उन्होंने कहा कि जिस के पास नाम रुपी धन होता है, उसके पास किसी तरह की कमी नही होतीं वह सच्चे शाह होते हैं। जिनको सतगुरु की कृपा से निराकार (प्रभु) की जानकारी हो जाती है। फिर वह नाम रुपी मालामाल हो जाते हैं। तभी उन्हें सच्चे शाह भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रभु की प्राप्ति के लिए पूर्ण सतगुरु के चरणों में नतमस्तक होना पड़ेगा, जो अपने आप को झुका कर नतमस्तक हो जाते हैं, तब जाकर उन्हें परम पिता परमेश्वर की जानकारी होती है। प्रभु की जानकारी मानुष योनि में रह कर ही की जा सकती है, जिन्होंने समय रहते इस रमे राम को जान लिया वह मुबारक के पात्र हैं और जिन्होंने अभी परमात्मा को नहीं जाना वह अपने आप को समर्पित करके गुरु चरणों में आ जाए, फिर उनका इस मनुष्य योनि मे आना सफल है। जो खुद इसे जान लेते हैं फिर वह अपने आस पास भी आवाज देते हैं कि मैंने प्रभु को पाया है आप भी इसे पा लें, जो प्रभु को जान लेते है फिर उनका जन्म मरण से छुटकारा जाता।

कार्यक्रम का संचालन नंदकिशोर प्रसाद ने किया। वही सेवा दल का संचालन ललन चौधरी ने किया। सत्संग में सहरसा, दरभंगा, सुपौल, त्रिवेणीगंज, छातापुर, बलुआ बाजार, नरपतगंज एवं अररिया के संत महात्मा शामिल हुए।

सत्संग को सफल बनाने में मुखी महात्मा भूपेंद्र यादव, वासुदेव यादव, जयप्रकाश चौधरी, प्रमोद चौधरी, बिनोद माधोगाडिया, गुमन यादव, सुखदेव शर्मा, शिवसागर सिंह, बलराम यादव, उमेश संगीतकार, अरुण दास, राजकुमार साह, जगदेव यादव, अरविंद संचालक, सुधीर कुमार, राजन कुमार, चन्द्रमा देवी, रानी देवी, चंदा देवी, बिना देवी, रेशमी देवी आदि का सहयोग रहा।

Leave a Comment

[democracy id="1"]