सुपौल: नगर पंचायत सिमराही में अवैध डाटा ऑपरेटर को लेकर विवाद गहराया, मुख्य पार्षद और ईओ आमने-सामने

न्यूज डेस्क सुपौल:

जिले के नगर पंचायत सिमराही कार्यालय में अवैध रूप से कार्यरत डाटा ऑपरेटर को लेकर मुख्य पार्षद यशोदा देवी और कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) वीणा वैशाली के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। मुख्य पार्षद सहित अधिकांश वार्ड पार्षदों ने उक्त ऑपरेटर पर अवैध वसूली और अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। दूसरी ओर, कार्यपालक पदाधिकारी मुख्य पार्षद के आदेश के बावजूद ऑपरेटर को कार्यालय से हटाने के लिए तैयार नहीं हैं।

मुख्य पार्षद ने दिया हटाने का आदेश, लेकिन ऑपरेटर ने नहीं मानी बात

बुधवार को मुख्य पार्षद यशोदा देवी समेत करीब एक दर्जन वार्ड पार्षद नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे और विवादित ऑपरेटर को मुख्य पार्षद के चेंबर में बुलाकर उसे तुरंत कार्यालय छोड़ने का आदेश दिया। लेकिन ऑपरेटर ने उनकी बात नहीं मानी और देर शाम तक कार्यालय में डटा रहा।

मुख्य पार्षद ने कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी ने इस ऑपरेटर को बिना किसी आधिकारिक आदेश और नियुक्ति पत्र के कार्यालय में रखा है। कई वार्ड पार्षदों ने इस ऑपरेटर पर नगरवासियों से अवैध वसूली और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने स्तर से जांच कर यह भी पाया कि उक्त ऑपरेटर के कारण नगर पंचायत की छवि खराब हो रही है।

आरोप: ईओ की शह पर हो रही अवैध वसूली

मुख्य पार्षद ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी को पहले भी दो बार पत्र लिखकर ऑपरेटर को हटाने का निर्देश दिया था। लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका आरोप है कि ईओ इस ऑपरेटर को अपनी शह पर अवैध वसूली के लिए इस्तेमाल कर रही हैं।

वार्ड पार्षद मो. हयूम, स्मृति कुमारी और पूजा कुमारी ने भी आरोप लगाया कि आशीष कुमार नामक यह ऑपरेटर नगरवासियों के साथ ठगी कर रहा है। मो. हयूम ने कहा कि इस ऑपरेटर को कार्यालय या विभाग से कोई नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। यह व्यक्ति पूर्व में भी हटाया गया था, लेकिन हाल ही में इसे फिर से बुलाकर काम कराया जा रहा है।

ईओ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

वार्ड पार्षद स्मृति कुमारी ने आरोप लगाया कि कार्यपालक पदाधिकारी ऑपरेटर के नाम पर सरकारी फंड से लाखों रुपये का चेक काट रही हैं, जो भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला है। वार्ड पार्षद गोपिकांत झा ने कहा कि उक्त ऑपरेटर पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके कारण उसे हटाया गया था। लेकिन अब वह फिर से कार्यालय में सक्रिय हो गया है।

ऑपरेटर ने दी सफाई, ईओ का पक्ष नहीं आया सामने

आरोपित ऑपरेटर आशीष कुमार ने अपनी सफाई में कहा कि उसे पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी के माध्यम से सफाई एजेंसी के द्वारा काम पर रखा गया था, लेकिन उसके पास कोई नियुक्ति पत्र नहीं है। इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी से फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

जांच और कार्रवाई की मांग

मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षदों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि नगरवासियों को इस तरह की ठगी और भ्रष्टाचार से बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए।

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