



News Desk Araria:
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 7 जुलाई 2025 को बिहार दौरे पर आए थे। अपने दौरे के दौरान उन्होंने सीमांचल क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए जोगबनी से तमिलनाडु के इरोड तक दैनिक ट्रेन सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। रेल मंत्री की इस घोषणा से सीमांचल की लाखों की आबादी में हर्ष की लहर दौड़ गई थी। लोगों को उम्मीद जगी थी कि इस नई ट्रेन से न सिर्फ व्यापार और रोजगार को बल मिलेगा, बल्कि सीमांचल और दक्षिण भारत के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक संपर्क की राह भी आसान होगी। हालांकि, घोषणा के लगभग दो महीने बीत जाने के बाद भी ट्रेन सेवा शुरू नहीं हो सकी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार बिहार आए और अलग-अलग इलाकों से नई ट्रेनों का शुभारंभ भी हुआ, लेकिन जोगबनी–इरोड ट्रेन की शुरुआत अब तक अधर में लटकी हुई है।
अब प्रधानमंत्री 15 सितम्बर को पूर्णिया एयरपोर्ट और अररिया–गलगलिया रेलखंड का उद्घाटन करने आ रहे हैं। इस मौके पर कई नई ट्रेनों की घोषणा और शुभारंभ भी प्रस्तावित है। इसी क्रम में जोगबनी–इरोड ट्रेन की शुरुआत की संभावना जताई जा रही है। लेकिन रेल मंत्री द्वारा घोषित दैनिक सेवा की जगह इस ट्रेन को साप्ताहिक अमृत भारत एक्सप्रेस के रूप में चलाने की तैयारी की खबर से सीमांचल के लोगों में गहरी नाराज़गी फैल गई है।
रेल आंदोलन से जुड़े मयंक गुप्ता ने बताया कि ईसीआर (पूर्व मध्य रेल) के आधिकारिक एक्स हैंडल से जोगबनी–इरोड मार्ग पर जनरल और नॉन-एसी स्लीपर कोच वाली अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की जानकारी साझा की गई है। जबकि रेल मंत्री ने स्पष्ट रूप से दैनिक ट्रेन की बात कही थी और इस संबंध में खगड़िया सांसद राजेश वर्मा को लिखे पत्र में भी इसका उल्लेख किया गया था।
स्थानीय संगठनों की नाराज़गी रेल आंदोलन से जुड़े नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष शाहजहां शाद, सचिव रमेश सिंह, प्रवक्ता पवन मिश्रा, मयंक गुप्ता और चंदन भगत ने कहा कि जोगबनी नेपाल सीमा से सटा प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। यहां से पूर्वी भारत और दक्षिण भारत के बीच संपर्क की व्यापक संभावनाएं हैं। यदि यह ट्रेन दैनिक आधार पर चले तो व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे। वहीं, सप्ताहिक ट्रेन चलाने से इसका लाभ सीमित रह जाएगा और लाखों लोगों की अपेक्षाओं पर पानी फिर जाएगा।
लोगों ने इसे वादा खिलाफी बताते हुए रेलवे प्रशासन से तत्काल स्पष्टता की मांग की है। साथ ही सांसद प्रदीप कुमार सिंह से इस मुद्दे पर पहल करने और क्षेत्र की आवाज दिल्ली तक पहुँचाने की अपील की गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेल मंत्री द्वारा की गई ऐतिहासिक घोषणा पर अमल होना चाहिए। दैनिक ट्रेन सेवा ही सीमांचल की वास्तविक आवश्यकताओं और जनता की भावनाओं के अनुरूप है।