



News Desk Patna:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की अधिसूचना जारी होते ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस चरण में राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होगा।
निर्वाचन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर निर्धारित की गई है। वहीं, नामांकन पत्रों की जांच 18 अक्टूबर को की जाएगी और 20 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक, उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल छह दिन का समय मिलेगा, क्योंकि 11 अक्टूबर (दूसरा शनिवार) और 12 अक्टूबर (रविवार) को अवकाश रहेगा। इस वजह से दो दिन नामांकन नहीं किए जा सकेंगे।
सभी जिलों में प्रशासनिक तैयारियां पूरी
पहले चरण के नामांकन को लेकर सभी 18 जिलों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को नामांकन स्थल पर बैरिकेडिंग करने, सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रखने और पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने साथ ही यह भी कहा है कि प्रत्येक जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील इलाकों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
इन जिलों में होगा पहले चरण का मतदान
पहले चरण के तहत जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें — पटना, भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, सीवान, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा और नालंदा जिले शामिल हैं।
2020 के नतीजों से समझें राजनीतिक समीकरण
2020 के विधानसभा चुनाव में इन 121 सीटों पर जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला था। तब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को सबसे अधिक 41 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 32 सीटें जीती थीं। जनता दल (यू) को 23 सीटें, कांग्रेस को 8, भाकपा (माले) को 7, जबकि भाकपा और भाकपा (म) को 2-2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
वर्तमान स्थिति में समीकरणों में कुछ बदलाव आए हैं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से जीते चार विधायक और कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरव ने बाद में बीजेपी का साथ थाम लिया, जिससे पार्टी की कुल सीटें 38 हो गईं। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी से जीते राजकुमार सिंह के जुड़ने से जेडीयू की सीटें एक बढ़कर 24 हो गईं।
एनडीए बनाम महागठबंधन : मुकाबला फिर होगा रोचक
अगर मौजूदा विधानसभा के परिप्रेक्ष्य में देखें तो इन 121 सीटों में 62 सीटों पर एनडीए के विधायक हैं, जबकि 59 सीटों पर महागठबंधन के। ऐसे में पहले चरण का चुनाव दोनों गठबंधनों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस चरण का मतदान आगामी चुनाव की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।