पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग: महिलाओं और युवाओं की भारी भागीदारी से बढ़ा सियासी तापमान 18 जिलों की 121 सीटों पर 64.46% मतदान, पिछले 25 वर्षों का बना नया रिकॉर्ड

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 64.46% वोटिंग हुई, जो 25 वर्षों का रिकॉर्ड है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि 45,341 केंद्रों पर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ। ग्रामीण इलाकों में भारी उत्साह दिखा, जबकि शहरी क्षेत्रों में मतदान कम रहा। महिलाओं और युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।

News Desk Patna:

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर हुए मतदान ने न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश का ध्यान खींचा। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शाम 5 बजे तक औसतन 64.46 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया — जो पिछले 25 वर्षों में अब तक का सर्वाधिक है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में यही आंकड़ा 57.29 प्रतिशत था।

सबसे अधिक मतदान बेगूसराय जिले में दर्ज हुआ, जहां 67.32% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद समस्तीपुर में 66.65%, मधेपुरा में 65.74%, मुजफ्फरपुर में 64.63%, गोपालगंज में 64.96%, लखीसराय में 62.76%, जबकि राजधानी पटना में केवल 55.02% मतदान दर्ज किया गया। सबसे कम मतदान शेखपुरा जिले में 52.36% रहा।

ग्रामीण इलाकों में जोश, शहरों में ठंडा रुख

पहले चरण के मतदान में ग्रामीण क्षेत्रों में भारी उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही गांवों के मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लगी रहीं। दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों, खासकर पटना, भागलपुर और लखीसराय जैसे जिलों में मतदाताओं की सक्रियता अपेक्षाकृत कम रही।

महिलाओं की भूमिका निर्णायक

इस बार की रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग के पीछे ‘साइलेंट वोटर्स’ यानी शांत मतदाताओं का बड़ा योगदान बताया जा रहा है, जिनमें महिलाओं और युवाओं की भूमिका अहम रही। विभिन्न जिलों से आई रिपोर्टों और तस्वीरों में महिलाओं की कतारें पुरुषों से लंबी नजर आईं। बिहार में परंपरागत रूप से महिला मतदाता पुरुषों से अधिक मतदान करती हैं।

माना जा रहा है कि महिलाओं का झुकाव एनडीए गठबंधन की ओर हो सकता है, क्योंकि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं — जैसे ‘जीविका दीदी’, शराबबंदी, उज्ज्वला गैस योजना, आवास और लाभार्थी योजनाओं — से सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अगर महिलाओं ने एकजुट होकर मतदान किया है, तो यह एनडीए के लिए बड़ा लाभदायक साबित हो सकता है। वहीं विपक्षी दल इसे सरकार के खिलाफ ‘जनता का मौन विरोध’ बता रहे हैं।

45 हजार से अधिक मतदान केंद्र, व्यापक सुरक्षा व्यवस्था

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि पहले चरण के लिए 45,341 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जिनमें से 8,608 शहरी क्षेत्र और 36,733 ग्रामीण क्षेत्र में स्थित थे। सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) मशीनों का उपयोग किया गया। मतदान के दौरान 385 बैलेट यूनिट, 421 कंट्रोल यूनिट और 847 वीवीपैट्स को तकनीकी कारणों से बदला गया, जबकि मॉक पोल के दौरान 165 बैलेट यूनिट, 159 कंट्रोल यूनिट और 480 वीवीपैट्स बदले गए।

सुरक्षा बलों की सख्त तैनाती, 1,415 गिरफ्तार

चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य रही। एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि पूरे राज्य में सुरक्षा बलों की चौकसी के बीच मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। मतदान केंद्रों के आसपास संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 1,415 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा एक राजद एमएलसी पर शराब पीने के आरोप की शिकायत पर जांच कराई गई थी, लेकिन शराब सेवन की पुष्टि नहीं हुई।

राजनीतिक हलचल तेज

इतने उच्च मतदान प्रतिशत के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। एनडीए इसे जनता का “विकास के पक्ष में वोट” बता रही है, जबकि विपक्ष इसे सरकार विरोधी लहर करार दे रहा है। विश्लेषक मान रहे हैं कि यह मतदान आगामी चरणों की रणनीति को पूरी तरह प्रभावित करेगा और महिलाओं व युवाओं का रुझान इस चुनाव की दिशा तय करेगा।

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