News Desk Supaul:
जिले के सिमराही बाजार स्थित एनएच-27 और एनएच-106 के संगम स्थल पर बुधवार की शाम भीषण जाम लग गया। यह जाम दोपहर से ही लगना शुरू हो गया था। राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसे वाहनों की लंबी कतारें कई किलोमीटर तक फैल गईं। सबसे ज्यादा परेशानी तब हुई जब जाम में दर्जनों एम्बुलेंसें फंस गईं, जिनमें मरीजों को गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाया जा रहा था।

घंटों जाम में फंसे लोग
जाम की स्थिति यह हो गई कि एनएच-27 के दरभंगा और फारबिसगंज दोनों ओर से आने-जाने वाले वाहन सिमराही बाजार के पास रेंगते नजर आए। एनएच-106 से आने वाले वाहन भी जाम में उलझ गए, जिससे चारों दिशाओं में यातायात पूरी तरह ठप पड़ गया।

जाम के कारण सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन फंस गए। बस, ट्रक, ट्रैक्टर, निजी गाड़ियाँ और ऑटो चालकों को घंटों तक खड़े रहना पड़ा। कई यात्रियों को तो वाहन छोड़कर पैदल ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ना पड़ा। जाम इतनी भीषण लगी कि सिमराही आने व जाने वाले सभी बड़े व छोटे मार्गों पर भीषण जाम लग गया।

दर्जनों एम्बुलेंसें फंसीं, मरीज परेशान
जाम का सबसे खतरनाक पहलू यह रहा कि इसमें दर्जनों एम्बुलेंसें भी फंस गईं। विभिन्न अस्पताल जा रही एम्बुलेंसें घंटों तक जाम में फंसी रहीं। कुछ एम्बुलेंस के सह चालकों ने जब यह देखा तो उन्होंने खुद गाड़ी से उतर एम्बुलेंसों को रास्ता देने की कोशिश की, मगर वाहनों की भीड़ इतनी अधिक थी कि प्रशासन की मदद के बावजूद रास्ता साफ कर पाना मुश्किल हो गया। काफी मशक्कत करने के बाद एम्बुलेंस जाम से निकला।

प्रशासन के छूटे पसीने
जाम की सूचना मिलते ही राघोपुर पुलिस अपने दल बल के साथ जाम को हटाने का प्रयास करने लगा। कई जगहों पर वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से हटाया गया। बता दें कि सिमराही जेपी चौक पर जाम से निपटने के लिए प्रतिदिन पुलिस तैनात रहता है लेकिन इसके बावजूद जाम लग जाता है।

पैदल चलना भी हुआ मुश्किल
जाम की स्थिति इतनी विकराल थी कि सड़कों पर पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। दुकानों के सामने लगी वाहनों की कतार ने व्यापारियों की भी मुश्किलें बढ़ा दीं।

यातायात व्यवस्था चरमराई
एनएच-27 बिहार को गुजरात और असम से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है, वहीं एनएच-106 मधेपुरा, सुपौल और सहरसा को जोड़ता है। दोनों हाईवे का संगम स्थल होने से सिमराही बाजार हमेशा यातायात दबाव में रहता है। लेकिन अतिक्रमण और जगह-जगह अवैध पार्किंग की वजह से स्थिति गंभीर बनी हुई है।








