News Desk Supaul:
सशस्त्र सीमा बल (SSB) के सुपौल स्थित रिक्रूट प्रशिक्षण केंद्र में मंगलवार को 10वें बेसिक रिक्रूट ट्रेनिंग कोर्स (BRTC) का दीक्षांत परेड समारोह भव्य, अनुशासित एवं गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर कुल 249 नव आरक्षियों ने कठोर एवं बहुआयामी प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर औपचारिक रूप से बल में शामिल होकर देश सेवा के लिए पासआउट किया।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि सशस्त्र सीमा बल के महानिरीक्षक सोमित जोशी (बल मुख्यालय, नई दिल्ली) रहे। उन्होंने आकर्षक परेड की सलामी ली और प्रशिक्षुओं के अनुशासन, समर्पण एवं शारीरिक दक्षता की सराहना की। समारोह में उप महानिरीक्षक संजय कुमार शर्मा, रिक्रूट प्रशिक्षण केंद्र, सुपौल, सशस्त्र सीमा बल के वरिष्ठ अधिकारी, जिला प्रशासन के पदाधिकारी एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत सैन्य मर्यादाओं के अनुरूप निशान टुकड़ी के आगमन के साथ हुआ। इसके पश्चात नव आरक्षियों ने राष्ट्र की संप्रभुता, एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए पूर्ण निष्ठा, अनुशासन और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की शपथ ली। प्रशिक्षुओं द्वारा प्रस्तुत सटीक तालमेल और अनुशासन से परिपूर्ण मार्च-पास्ट ने दर्शकों और अतिथियों को विशेष रूप से प्रभावित किया।

मुख्य अतिथि सोमित जोशी ने प्रशिक्षण अवधि के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नव आरक्षियों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण नव आरक्षियों को सीमाओं पर आने वाली हर चुनौती से निपटने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम बनाता है।
दीक्षांत समारोह के दौरान प्रशिक्षुओं द्वारा प्रस्तुत सामूहिक शारीरिक प्रशिक्षण (पीटी), मल्लखंभ, वॉल्टिंग हॉर्स, बेयोनट फाइटिंग एवं अन्य युद्ध कौशल आधारित प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहे। इन प्रस्तुतियों ने प्रशिक्षण केंद्र में दी जा रही उच्च स्तरीय सैन्य तैयारी, अनुशासन और दक्षता को जीवंत रूप में दर्शाया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महानिरीक्षक सोमित जोशी ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा, नक्सल विरोधी अभियानों, आपदा प्रबंधन, मानवीय सहायता और शांति स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी प्रभावी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर SSB की सतर्क उपस्थिति को देश की सुरक्षा व्यवस्था की मजबूत कड़ी बताया।
समारोह में सुपौल जिले सहित आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों से बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, जनप्रतिनिधि, शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राएं और अभिभावक उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह न केवल नव आरक्षियों के लिए बल्कि सीमावर्ती एवं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत साबित हुआ, जिसने अनुशासन, साहस, समर्पण और देशभक्ति के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संदेश दिया।







