संदीप सैनी/हिसार: हर शहर, हर गांव का अपना एक अनोखा इतिहास है. बीतते वक्त के साथ कई ऐतिहासिक धरोहरें विलुप्त भी हो रही हैं. लेकिन हांसी के समीपवर्ती गांव चानौत में पुरातन धरोहरों को बचाने के लिए अनोखे प्रयास किए जा रहे हैं. इस कड़ी में गांव के प्राचीन कुओं और पुराने सार्वजनिक स्थानों को, जहां पहले गांव की औरतें या महफिल एकत्रित हुआ करती थी उन जगहों को पंचायत द्वारा दोबोरा से विकसित किया जा रहा है. गांव में तलाब के साथ लगे कुंए जिनकी हालत समय के साथ दयनीय होती जा रही थी, पंचायत द्वारा उन्हें मरम्मत कर दोबारा से एक नया रूप देने का काम किया गया है. साथ ही गांव में बनी दीवारों पर गांव के पुराने ऐतिहासिक चित्रों एवं महापुरुषों के चित्रों का भी अवलोकन किया जा रहा है.
पहले गांव में स्थित जिन कुओं का पानी पीने के लिए प्रयोग किया जाता था. समय के साथ-साथ ये कुएं अपना इतिहास खो रहे थे. अब इन कुओं और पुरानी परंपराओं को विलुप्त होने से बचाने का प्रयास किया जा रहा है. इस पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण, पहले के पहनावे के साथ-साथ धार्मिक देवी-देवताओं के चित्र बनवाए गए हैं. साथ ही समाज में फैली कुरीतियों से बचने के लिए स्लोगन भी लिखे गए हैं.
पर्यावरण संरक्षण पर भी किया जा रहा है काम
सरपंच प्रतिनिधी हिमांशु ने बताया कि पुरातन परंपरा विलुप्त होती जा रही है. गांव में पुरातन परंपरा को बचाने के लिए पंचायत की ओर से प्रयास किया जा रहा है. बुजुर्गों के समय पर बनाए गए कुओं व अन्य चीजों को नया रूप देकर पुरानी परंपरा को जिंदा रखने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसा कर गांव को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. इतना ही नहीं जल्द ही गांव वासियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए हरे फलदार वृक्ष लगाने का अभियान भी चलाया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : August 12, 2023, 21:07 IST