न्यूज़ डेस्क अररिया: फारबिसगंज-सहरसा-दरभंगा रेलखंड पर जनवरी माह में ही सीआरएस इंस्पेक्शन में रेल परिचालन को लेकर हरी झंडी मिलने के बावजूद ट्रेन परिचालन शुरू नहीं होने से आक्रोशित हजारों की संख्या में लोग गुरुवार को निकाले गए आक्रोश मार्च में शामिल हुए और अपने आक्रोश को व्यक्त किया। नागरिक संघर्ष समिति की ओर से फारबिसगंज में रेल परिचालन शुरू किये जाने की मांग को लेकर पोस्ट ऑफिस चौक से स्टेशन चौक परिसर तक आक्रोश मार्च निकाला गया। जहां स्टेशन परिसर में आक्रोश मार्च नुक्कड़ सभा में तब्दील में हो गई। आक्रोश मार्च का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष शाहजहां शाद ने की।
वहीं, जुलूस में शामिल पूर्व सांसद सुकदेव पासवान, समिति के सचिव रमेश सिंह, प्रवक्ता पवन मिश्रा, पूर्व उप मुख्य पार्षद शाद अहमद, वाहिद अंसारी, रामकुमार भगत, मांगीलाल गोलछा, करण कुमार पप्पू आदि ने रेल सुरक्षा आयुक्त की ओर से जनवरी माह में ही निरीक्षण के बाद ट्रेन परिचालन की स्वीकृति मिल जाने के बावजूद रेल का परिचालन शुरू नहीं होने के लिए सरकार और जनप्रतिनिधियों के इच्छाशक्ति का अभाव बताते हुए आड़े हाथ लिया। रेलखंड को राजनीतिक शिकार बनाए जाने पर वक्ताओं ने शांतिपूर्ण संघर्ष को उग्र बनाने की आवश्यकता जताई। वक्ताओं ने रेलवे प्रशासन पर धैर्य की परीक्षा न लेने की सलाह देते हुए शीघ्र रेलखंड पर ट्रेन परिचालन शुरू करने की मांग की।
बता दें कि पोस्ट ऑफिस चौक से स्टेशन चौक तक नागरिक संघर्ष समिति के आक्रोश मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। स्टेशन परिसर में पहुंचने के बाद पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के महाप्रबंधक के नाम ज्ञापन स्टेशन अधीक्षक को सौंपा गया। वहीं, सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि संघर्ष समिति की ओर से लगातार आंदोलन चला रही है। राघोपुर, नरपतगंज में धरना, फारबिसगंज से नरपतगंज तक पैदल मार्च, पीएमओ, रेलवे बोर्ड, रेल मंत्री, रेल के महाप्रबंधक, डीआरएम समस्तीपुर से लगातार पत्राचार, ईमेल ट्वीट करते रहे लेकिन सार्थक परिणाम नहीं होने के बाद पहले चरण में 20 अगस्त को फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार पर धरना प्रदर्शन किया गया था।
वहीं, आक्रोश मार्च के माध्यम से नागरिक संघर्ष समिति ने संदेश दिया है कि रेल का परिचालन में विलंब बर्दाश्त से बाहर है। रेल परिचालन अविलंब शुरू नहीं होने की स्थिति में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद समिति ने आंदोलन के अगले चरण में उग्र रूप धारण करने की धमकी दी है।
इधर, नागरिक संघर्ष समिति के आक्रोश मार्च को अनुमंडल प्रशासन की ओर से निकले संयुक्तादेश में एसडीओ रोजी कुमारी और एसडीपीओ खुशरु सिराज ने तीन स्थानों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस अधिकारियों और बलों की प्रतिनियुक्ति की थी। बीडीओ संजय कुमार को पटेल चौक से स्टेशन चौक तक पैदल गश्ती, सहकारिता प्रसार पदाधिकारी मनोज कुमार यादव को रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार और प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी बीरेंद्र कुमार को पुलिस अधिकारी और बलों के साथ रेलवे स्टेशन के पीछे के द्वार पर प्रतिनियुक्ति की गई थी।
आक्रोश मार्च में मुख्य रूप से पूर्व सांसद सुकदेव पासवान, शाहजहां शाद, रमेश सिंह, पवन मिश्रा, प्रखंड प्रमुख सुरेश पासवान, वाहिद अंसारी, शाद अहमद, रामकुमार भगत, मांगीलाल गोलछा, करण कुमार पप्पू, कफील अंसारी, हेमंत रजक, मिराज हुसैन, अभिषेक सिंह, बछराज राखेचा, विनोद सरावगी, आलोक दुग्गड, अफताब अहमद, शमीम अहमद, इरशाद सिद्दीकी, रमेश मेहता, मनोज सोनी, कुद्दूस अंसारी, गुड्डू अली, गालिब आजाद, कमल जैन, सुभाष अग्रवाल, विद्यानंद पासवान, राकेश रोशन, सचिन गुप्ता, रोशन बोथरा, गुलाम वाहिद, अमित कुमार, बुलबुल यादव, शिवशंकर चौधरी, राजू गुप्ता, अरुण कुमार आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।