रिपोर्ट: नंदकिशोर प्रसाद|वीरपुर
पटना उच्च न्यायालय के जज सुनील दत्त मिश्रा ने शनिवार को वीरपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में दो नवनिर्मित भवनों का उद्घाटन किया। इस दौरान न्यायधीश के अलावे सैकड़ों की संख्या में व्यवहार न्यायालय वीरपुर के न्यायाधीश, वकील व क्षेत्र के समाजसेवी मौजूद रहे। न्यायमूर्ति श्री मिश्रा ने इस दौरान विधिज्ञ संघ परिसर 01 में बने अधिवक्ता स्मृति द्वार एवं परिसर 02 में 65 लाख की लागत से नवनिर्मित लायर्स हॉल का फीता काटकर उदघाटन किया। वहीं व्यवहार न्यायालय विधिज्ञ संघ की ओर से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर न्यायाधीश महोदय का मिथिला संस्कृति के अनुसार पाग, शॉल, अंग वस्त्र, कलम देकर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधिज्ञ संघ वीरपुर के सचिव लक्ष्मी नारायण रान ने कहा कि व्यवहार न्यायालय के स्थापना का 50 साल पूरा हो चुका है। कहा कि सन 1972 में इस कोर्ट की स्थापना हुई थी। 30 मार्च 1989 को कोर्ट स्थाई रूप से वीरपुर आई। पुनः कुशहा त्रासदी के दौरान हुए भारी नुकसान के बाद कोर्ट सुपौल चली गई। जिसके बाद हमलोगो के अथक प्रयास के बाद वर्ष 2010 मे कोर्ट पुनः वीरपुर आई। उन्होंने कहा कि वीरपुर व्यवहार न्यायालय में फिलहाल 12 हजार 306 मुकदमा लंबित है। यहां फिलहाल 5 कोर्ट संचालित हो रहा है। हमारी मांग हैं कि केसों की लंबी फेहरिस्त को देखते हुए यहां एडीजे कोर्ट एवं दो अन्य न्यायालय स्थापित किया जाय। उन्होंने कहा कि तत्कालीन जिला एव सत्र न्यायाधीश संजय कुमार ने हमलोगो का काफ़ी मदद किया था। शाही जी चीफ जस्टिस ने हमलोगो को आश्वस्त किया था कि एक सप्ताह के भीतर एडीजे कोर्ट वीरपुर में होगा। आपलोग कोर्ट एव उसके कार्यालय की व्यवस्था कीजिए। जिसके बाद संघ की ओर से 10 लाख रुपये की लागत से कार्यालय, आवास एवं इज्जलास बनवाया गया। पर इसी बीच चीफ जस्टिस शाही जी का मद्रास उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के रूप में स्थानांतरण हो जाने के बाद आज तक मामला अटका पड़ा है।
वहीं संघ के पूर्व सचिव श्यामानद मिश्रा ने कहा कि बलुआ थाना की दूरी वीरपुर से 12 किलोमीटर एवं छातापुर थाना की दूरी 22 किलोमीटर मात्र है। जबकि इनको न्यायिक कार्य के लिए 80 किलोमीटर की दूरी तय कर सुपौल जाना पड़ता है। जिससे गरीब तबके के लोगों को काफ़ी परेशानी होती है। उन्होंने मांग किया कि बलुआ एवं छातापुर थाना को वीरपुर व्यवहार न्यायालय के साथ न्यायिक कार्य के लिए जोड़ा जाय।
संयुक्त सचिव एस पी मंडल ने कहा कि हमारी अपेक्षाए बढ़ी हुई है। हमारी मांग को गंभीरता से लिया जाय।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह ने कहा कि आपकी मांगो से हम अवगत हैं। नए भवन में 10 कोर्ट बन रहा है। 5 कोर्ट चल रहा है, 5 के लिए उम्मीदें बची हुई है। जिस शुभ समाचार के लिए आप लोग प्रयासरत हैं वो जल्द मिलेगी।
कार्यक्रम के अंत में सबों को संबोधित करते निरीक्षि न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय सुनील दत्त मिश्रा ने कहा कि यहां मुझे ऐसा लग रहा कि मै अपनों के बीच हूं। हम सभी का एक ही उद्देश्य है, लोगो को आसानी से न्याय दिलाना। इस निर्माणधीन बिल्डिंग में 10 कोर्ट का निर्माण कुछ सोच समझकर किया जा रहा है। यहां एडीजे कोर्ट हो, इसका मैं भी समर्थक हूं। मेरा विश्वास है कि यह कार्य जल्द होगा। किसी कोर्ट की स्थपना के लिए काफ़ी सारी व्यवस्थाएं करनी पड़ती है। कोर्ट की जरूरत को देखते हुए इसकी संख्या बढ़ाने के लिए जो भी प्रयास करना पड़ेगा, करूंगा। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में आप अधिवक्ताओं मि काफी अहम भूमिका होती है। आपके बिना यह संभव नहीं है।
मौके पर विधिज्ञ संघ के सचिव लक्ष्मी नारायण रान, उपाध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद, शिवनाथ साहू, राजेश कुमार सिंह, चंद्रशेखर वर्मा, सत्य नारायण साह, प्रभाकर सिंह, मृत्युजय सिंह, अनिल कुमार झा, बिपिन कुमार, मिथिलेश कुशवाहा, शैलेन्द्र कुमार मंडल, मिथिलेश आचार्य, कमलेश कुमार, जयग्नेश सिंह, दुर्गानंद दिवाकर, जगन्नाथ स्वर्णकार, अरविन्द गुप्ता, रोमा सिंह, विनय कुमार भारती, सुबोध शर्मा, सिकंदर आलम, गजेंद्र कुमार झा, रमेश कुमार, हिरण्य हिमांशु, देव नारायण खेड़वार, पूर्व विधायक उदय प्रकाश गोईत, शशि प्रसाद सिंह, बी के राय सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।