ईद- उल- अजहा ईदगाह में हर्षोल्लास से पढ़ी गई बकरीद की नमाज, मुस्लिम समाज के लोगों ने एक दूसरे को दी बधाई।

रिपोर्ट: अमरेश कुमार|सुपौल

जिले के पिपरा प्रखंड क्षेत्र में सोमवार की सुबह बकरीद की नमाज हर्षोल्लास के साथ अदा की गई। इस मौके पर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ठाढी भवानीपुर, पथरा उत्तर पंचायत, रामपुर, सखुआ, नगर पंचायत पिपरा, बसहा, रामनगर, कटैया, महेशपुर, दुबियाही साहित कई पंचायतों मुस्लिम समाज के लोगों ने ईदगाहों और मस्जिदों में अपने ईमान के पीछे नमाज अदा कर तीन दिनों की कुर्बानी के लिए अपने-अपने काम में लग गए। नमाज में बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक श्रद्धा के साथ शामिल हुए। स्वच्छता एवं सुरक्षा को लेकर प्रखंड प्रशासन, पुलिस प्रशासन के द्वारा पुख़्ता इंतजाम किए गए। नमाजियों ने खुशी से एक दुसरे को गले लगाया और मुबारक बाद दी।

इस दौरान नवाजियों ने मुबारकबाद देते हुए बताया कि इसे आम जुबान में बकरा ईद कहते हैं। उन्होने बताया कि यह एक याद दिहानी है। कहा कि मोहम्मद हजरत इब्राहिम इस्लाम के एक प्रॉफिट थे, हकीकत में इस्लाम के सबसे पहले प्रॉफिट हजरत आजम थे और सबसे अंतिम और अनुकरणीय पैगंबर इब्राहिम थे। उन्होने कहा कि जब जब उनसे ईश्वर अथवा अल्लाह के लिए कुछ कुर्बान करने को कहा गया वे उसपर खड़े उतरते गए और अंत में जब उनकी कठोर परीक्षा ली गई और सपने में यह बात आई कि सबसे प्रियतम चीज को कुर्बानी कर दो तो अल्लाह की ओर से यह इशारा उनके बेटे की ओर था। उन्होने बताया कि बुढ़ापे में हासिल इकलौता पुत्र को भी अल्लाह के रास्ते में कुर्बान करने के लिए निकले लेकिन जैसे ही छुरी चलानी थी तभी अल्लाह ने उस बच्चे को तुंबे में बदल दिया और बच्चे को बचा लिया जो सिर्फ ईश्वर की ओर से लिए गए एक आखिर कठोर परीक्षा ली गई थीं। उन्होने बताया कि पुरी दुनिया के मुसलमान इस बकरा ईद को मनाते हैं वो सिर्फ और सिर्फ उस दिन को याद करने के लिए जिस तरीके से अवतरित इब्राहिम ने कुर्बानी की थी हम भी ईश्वर के लिए कुर्बानी करने वाले बने बस यही संदेश यह बकरा ईद पर्व देते है कि प्रिय से प्रियतम चीज ईश्वर की याद में कुर्बान करें।

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