रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
अररिया के रामपुर कोदरकट्टी स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज के सामने कॉलेज के छात्रों ने घंटों फोरलेन सड़क को जाम कर दिया। प्राचार्य के द्वारा की गई पिटाई से आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज के मुख्य गेट के सामने सड़क जाम कर टायर जलाकर आगजनी की। प्राचार्य के द्वारा मोबाइल चार्जर को लेकर छात्रों के दो गुटों में हुए विवाद को लेकर कुछ छात्रों के साथ की गई पिटाई के विरोध में आक्रोशित छात्रों ने प्रदर्शन किया। कॉलेज के मुख्य गेट के सामने एनएच 27 को घंटो जामकर प्रदर्शन करने से सड़क के दोनों ओर गाड़ियों को लंबी कतारें लग गई। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से छात्रों को समझा बुझाकर जाम को हटाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले शनिवार को मोबाइल के चार्जर को लेकर कॉलेज के जूनियर छात्र सचिन कुमार, सेन कुमार, सोनू कुमार, प्रिंस कुमार के साथ सीनियर छात्रों ने बजरंगबली चौक पर आपसी झड़प करते हुए मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले को लेकर छात्रों ने इसकी लिखित शिकायत कॉलेज के प्राचार्य को किया। उस दिन भी एक पक्ष के लोगों ने पुलिस के अधिकारियों को मोबाइल से आपसी झड़प की सूचना दी थी। जिस पर पुलिस प्रशासन उस दिन कॉलेज पहुंचकर छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कर दिया था।
मोबाइल चार्जर को लेकर विवाद और कॉलेज में पुलिस के आने को लेकर सोमवार को जब प्राचार्य अभिजीत कुमार, प्रो. लवकुश कुमार कॉलेज पहुंचे तो सीनियर छात्र रितेश कुमार, नितिन कुमार, प्रेषित कुमार, राजू कुमार, विकास कुमार विक्की कुमार को अपने चेंबर में बुलाया। छात्रों के अनुसार चैंबर में प्रवेश करने के साथ कॉलेज के प्राचार्य और प्राध्यापक बिना कुछ कहे पिटाई करने लगे।
आक्रोशित छात्रों के अनुसार जहां छात्रों की पिटाई हुई,वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पिटाई में कई छात्रों के सर में बुरी तरह से चोट लगने की बात कही। वहीं प्राचार्य के द्वारा कॉलेज से निष्कासन की खुलेआम धमकी दिए जाने की बात प्रदर्शनकारी छात्रों ने कही। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि मोबाइल चार्जर को लेकर दूसरे छात्रों से विवाद हुआ था और नाहक ही उनलोगो को इस मामले में घसीटा जा रहा है। कॉलेज प्रबंधन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था। जिसे पुलिस अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद हटा लिया गया और सड़क को जाम से मुक्त किया गया।
मामले को लेकर कॉलेज के प्राचार्य अभिजीत कुमार से संपर्क कर पक्ष लेने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने किसी तरह का कोई बयान देने से साफ इंकार किया।