



न्यूज डेस्क सुपौल:
सावन माह के प्रथम सोमवारी के अवसर पर सुपौल जिले के राघोपुर थाना अंतर्गत गणपतगंज धरहरा स्थित प्रसिद्ध बाबा भीमशंकर महादेव मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह 3 बजे ही मंदिर का पट खोल दिया गया, जिसके बाद से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए मंदिर परिसर में पहुंचने लगे। भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में व्यापक इंतजाम किए गए थे।

बता दें कि श्रद्धालु भागलपुर के महादेवपुर घाट, कोसी बैराज घाटों से गंगाजल भरकर बाबा को जलाभिषेक किया। सुबह से लेकर दोपहर 4 बजे तक जलाभिषेक और पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान ‘बोल बम’ के नारों से पूरा परिसर गूंज उठा।

मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई थी। मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। साथ ही, मंदिर परिसर और उसके आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।

मंदिर समिति के सचिव संजीव यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार सावन के पहले सोमवार को बीते वर्षों की तुलना में कहीं अधिक भीड़ की संभावना को देखते हुए व्यापक तैयारियां की गई थीं। मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है और श्रद्धालुओं के लिए सभी प्रमुख स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। बताया कि रात्रि में बाबा का भव्य श्रृंगार पूजन किया जाएगा।

पूरी तैयारी के साथ तैनात रहे प्रशासनिक अधिकारी
बीरपुर अनुमंडल पदाधिकारी सह मंदिर समिति के पदेन अध्यक्ष एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के द्वारा मंदिर परिसर और मुख्य मार्ग में पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। हालांकि मंदिर परिसर में दंडाधिकारी उपस्थित नही थे। राघोपुर थाना की पुलिस अहले सुबह 4 बजे ही मंदिर परिसर में अपने दर्जनों दल-बल के साथ मुस्तैद दिखी। महिला पुलिस बल की भी समुचित व्यवस्था की गई थी, ताकि महिला श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। मेडिकल टीम भी तैनात दिखे।

धार्मिक मान्यता
स्थानीय लोगों के अनुसार बाबा भीमशंकर महादेव मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है। इसी आस्था के चलते दूर-दराज से लोग सावन में विशेष रूप से यहां जलाभिषेक और दर्शन के लिए आते हैं।