



न्यूज डेस्क पटना:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बिहार कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में राज्यहित से जुड़े 36 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ लगभग सभी मंत्री मौजूद रहे। इस बैठक में शिक्षा, उद्योग, कृषि, शहरी विकास और परिवहन सहित कई विभागों के प्रस्तावों पर सहमति बनी।
रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और फिजिकल टीचर्स का मानदेय बढ़ा
कैबिनेट ने राज्य के मिड-डे मील योजना से जुड़े 2 लाख 30 हजार से अधिक रसोइयों का मानदेय दोगुना करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अब इन्हें 1,650 रुपये की जगह 3,300 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इसी तरह, माध्यमिक व उच्च विद्यालयों में कार्यरत शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों (फिजिकल टीचर्स) का मानदेय 8,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये कर दिया गया है। रात्रि प्रहरियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है, जिससे विद्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद है।
उद्योग और कृषि क्षेत्र को नई सौगात
औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा अंचल में उद्योग के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु 284 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति प्रदान की गई। कृषि विभाग में 712 नए पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई, जिससे विभागीय कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और किसानों से जुड़े कार्यों में तेजी आएगी।
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा
राज्य में डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल लाइब्रेरी योजना को हरी झंडी दी गई। इस योजना के तहत 94 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी गई है। योजना के तहत छात्रों को आधुनिक डिजिटल संसाधनों से युक्त लाइब्रेरी की सुविधा मिलेगी, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी।
नियमावली और नीतिगत बदलाव
कैबिनेट बैठक में बिहार परिवहन क्षेत्रीय आशुलिपिक संवर्ग (भर्ती एवं प्रोन्नति) नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई। साथ ही बिहार शहरी आयोजना स्कीन नियमावली 2026 को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अलावा, बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) (संशोधन) नियमावली 2025 को भी मंजूरी मिली, जिससे शिक्षकों के प्रशासनिक प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता आने की उम्मीद है।
राज्य के विकास को नई गति
बैठक में पारित प्रस्तावों से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलने की संभावना है। खासकर शिक्षा, उद्योग और कृषि क्षेत्रों में इन फैसलों का सीधा लाभ आम जनता को मिलेगा।