



न्यूज डेस्क सुपौल:
Kosi River: कोसी नदी के जलस्तर में शनिवार को अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई, जिससे तटवर्ती जिलों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। शनिवार शाम करीब छह बजे कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार, नदी का डिस्चार्ज 2,00,430 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो लगातार बढ़ते क्रम में है। यह इस वर्ष का अब तक का सर्वाधिक जलस्तर है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है और अगले कुछ घंटों में डिस्चार्ज के और बढ़ने की संभावना है।

प्रशासन अलर्ट पर
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तटवर्ती इलाकों — खासकर सुपौल, मधेपुरा, सहरसा में प्रशासन ने निगरानी तेज कर दी है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है। कई जगहों पर राजस्व और आपदा प्रबंधन टीम द्वारा माइकिंग कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
संभावित खतरे वाले इलाके
विशेषज्ञों के अनुसार, कोसी के पानी का स्तर और डिस्चार्ज बढ़ने से नदी के किनारे बसे गांवों में कटाव और जलभराव की आशंका है। निचले और कच्चे बांध वाले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल सकता है। वहीं, बराज से पानी छोड़े जाने का असर नेपाल सीमा से लगे इलाकों के साथ-साथ बिहार के कोसी क्षेत्र के कई हिस्सों में दिख सकता है।

स्थानीय लोगों में चिंता
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से नेपाल क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है, जिससे कोसी में पानी का दबाव बढ़ा है। “अगर यही स्थिति रही, तो आने वाले दिनों में बाढ़ की समस्या गंभीर हो सकती है,” एक ग्रामीण ने कहा।
अधिकारियों की अपील
जल संसाधन विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे नदी के किनारे जाने से बचें, नाव या अन्य साधनों से अनावश्यक रूप से नदी पार करने की कोशिश न करें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। आपदा प्रबंधन दल को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है।