सुपौल: राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की पुण्य स्मृति में ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने राघोपुर में आयोजित किया रक्तदान शिविर

News Desk Supaul:

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राघोपुर सिमराही सेवा केंद्र की ओर से शनिवार को रेफरल अस्पताल राघोपुर के सभागार में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 18वीं पुण्य स्मृति में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और रक्तदान किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सचिन माधोगडिया, रेफरल अस्पताल राघोपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दीप नारायण राम, भाजपा नगर अध्यक्ष उमेश गुप्ता, सानू चौधरी, डॉ शंभू सिंह, डॉ. राहुल झा, नोमान अहमद ने संयुक्त रूप से फीता काटकर व दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्र प्रभारी बबिता दीदी ने की जबकि मंच संचालन किशोर कुमार साह ने किया। इस शिविर में कुल 55 यूनिट रक्तदान किया गया।

रक्तदान सबसे बड़ा जीवनदान : सचिन माधोगड़िया

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिन माधोगड़िया ने कहा कि “रक्तदान सबसे बड़ा जीवनदान है। बुझती ज्योति को प्रज्वलित करना ही परम पुष्प अर्पण है।” उन्होंने बताया कि यह अभियान दादी प्रकाशमणि जी की 18वीं पुण्य स्मृति के अवसर पर आयोजित किया गया है। माधोगड़िया ने कहा कि दादी जी का संपूर्ण जीवन मानव सेवा को समर्पित रहा और उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने जानकारी दी कि इस शिविर का लक्ष्य 100 यूनिट रक्त संग्रह करना है, ताकि जरूरतमंद मरीजों को समय पर रक्त उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने बताया कि “एक यूनिट रक्त किसी थैलेसीनिया पीड़ित बच्चे की जीवन आयु को लगभग एक माह तक बढ़ा देता है।” ऐसे प्रयासों से न केवल जरूरतमंदों को राहत मिलती है, बल्कि समाज में सहयोग और भाईचारे की भावना भी मजबूत होती है।

रक्तदान मानवता का सबसे बड़ा महान कार्य – राजयोगिनी बबीता दीदी

सेवा केंद्र की प्रभारी राजयोगिनी बबीता दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था आज मानवता की सेवा और आंतरिक परिवर्तन के कार्य में अग्रणी भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि रक्तदान न केवल जीवनदान है, बल्कि यह मानवता का सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। उन्होंने आगे कहा कि दादी प्रकाशमणि जी ने समाज को मूल्यपरक शिक्षा, शांति और सेवा का संदेश दिया। संस्था ने आंतरिक परिवर्तन को एक वृक्ष का रूप दिया है, जिसकी जड़ें व्यक्तिगत आत्मपरिवर्तन में हैं और जिसके फलस्वरूप समाज में सकारात्मक बदलाव आता है। “सामाजिक परिवर्तन ही विश्व परिवर्तन का आधार बन सकता है। मूल्य आधारित शिक्षा ही मनुष्य को सुख और शांति प्रदान करती है।”

शिविर में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने रक्तदाताओं को रक्तदान के फायदे और सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी। आयोजन समिति ने सभी रक्तदाताओं को प्रमाण-पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया।

मौके पर ब्लड बैंक टीम से डॉ चेतन, हरीश गोयल, लक्ष्मण शर्मा, अमित शर्मा, राघव मिश्रा, रितेश, रहीस, प्रभात, प्रशान्त वर्मा, रोहित झा, रमन झा, राजकुमार पौद्दार, शुभम, सत्यम माधोगड़िया,  ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय से बिना, सुमन, पूजा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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