



News Desk Supaul:
बिहार राज्य 102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर सुपौल जिले के सभी 102 एम्बुलेंस कर्मी अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर दूसरे दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहे। सदर अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

कर्मियों ने कहा कि वे लंबे समय से पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ सेवाएँ देते आ रहे हैं, लेकिन कंपनी की ओर से न तो समझौते की शर्तों का पालन किया जा रहा है और न ही श्रम कानूनों का। मजबूर होकर उन्हें हड़ताल का सहारा लेना पड़ा है।
कर्मियों की प्रमुख मांगे
- उन्हें रोजगार कानून (Employment Act) के तहत नियमित वेतन और अन्य सुविधाएँ दी जाएं।
- अतिरिक्त समय (ओवरटाइम) का भुगतान समय पर किया जाए।
- प्रत्येक माह वेतन भुगतान की निश्चित तिथि तय हो और वेतन-पर्ची उपलब्ध कराई जाए।
इसके अलावा कर्मियों ने यह भी मांग की कि कंपनी कर्मचारियों के हितों की अनदेखी बंद करे और सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर समस्याओं का स्थायी समाधान निकाले।
प्रशासन से वार्ता की मांग
धरना-स्थल पर मौजूद एम्बुलेंस चालकों ने जिला प्रशासन से अपील की कि वे उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार करें और कंपनी के साथ वार्ता कर समाधान सुनिश्चित करें। कर्मियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो इसका सीधा असर जिले की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की होगी।
स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित
हड़ताल के कारण जिले में इमरजेंसी मेडिकल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (EMTS) बुरी तरह प्रभावित हो गया है। अस्पतालों में मरीजों को एम्बुलेंस नहीं मिलने से परिजनों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सदर अस्पताल में कई गंभीर मरीजों को निजी साधनों से अन्य अस्पतालों तक ले जाने की नौबत आ रही है।

मरीजों के परिजनों ने कहा कि अचानक शुरू हुई हड़ताल से उनका हाल बेहाल हो गया है। गरीब तबके के लोग, जिनके पास निजी वाहन की सुविधा नहीं है, उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आंदोलन जारी रहने की चेतावनी
एम्बुलेंस कर्मियों ने साफ किया कि यदि जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हड़ताल और व्यापक होगी, जिसका असर सिर्फ सुपौल ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी पड़ेगा।