



News Desk Supaul:
बिहार में सड़क और परिवहन क्षेत्र को नई गति देने के लिए केंद्र सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 327E पर परसरमा से अररिया (102.193 किमी) मार्ग के ब्राउनफील्ड अपग्रेडेशन को मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹1547.55 करोड़ है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि यह परियोजना बिहार में कनेक्टिविटी को मजबूती प्रदान करेगी और क्षेत्रीय विकास को नई रफ्तार देगी।

बाईपास से मिलेगा राहत
यह सड़क सुपौल, पिपरा, त्रिवेणीगंज और रानीगंज जैसे घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों के लिए बाईपास मार्ग के रूप में तैयार की जाएगी। इससे भारी वाहनों का दबाव शहरों पर कम होगा और स्थानीय यातायात ज्यादा सुरक्षित व सुगम बनेगा।
यात्रा समय और ईंधन की बचत
हाईवे अपग्रेडेशन से न सिर्फ यात्रा समय में कमी आएगी बल्कि ईंधन की भी बचत होगी। साथ ही सड़क की गुणवत्ता बढ़ने से दुर्घटनाओं की आशंका भी घटेगी।
स्थानीय उद्योगों को मिलेगा प्रोत्साहन
परियोजना से मखाना, मत्स्यपालन, मक्का, दुग्ध उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य छोटे उद्यमों को विशेष लाभ होगा। ये व्यवसाय इस क्षेत्र की पारंपरिक और प्रमुख आजीविका का हिस्सा हैं। बेहतर कनेक्टिविटी किसानों और व्यापारियों को अपने उत्पाद आसानी से बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगी, जिससे स्थानीय कृषि, उद्योग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य को ध्यान में रखकर निर्माण
इस परियोजना को सतत और दूरदर्शी समाधान के तौर पर तैयार किया जा रहा है ताकि भविष्य में बढ़ने वाले ट्रैफिक दबाव को भी आसानी से संभाला जा सके।

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने जताया आभार
वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताते हुए ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मेरे द्वारा प्रस्तावित इस परियोजना को स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री, माननीय नितिन गडकरी जी को मैं हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार प्रकट करता हूँ। गडकरी जी ने अपने एक्स (X) हैंडल पर परसरमा–अररिया राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-327E) के पेव्ड शोल्डर सहित 2-लेन में ब्राउनफील्ड अपग्रेडेशन हेतु ₹1547.55 करोड़ की राशि स्वीकृत किए जाने की जानकारी साझा की है। यह योजना सुपौल जिला सहित कोसी और सीमांचल क्षेत्र के लिए विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।