सुपौल सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड से नवजात गायब, जांच में जुटा प्रशासन—सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

News Desk Supaul:

सुपौल सदर अस्पताल में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एसएनसीयू वार्ड में भर्ती एक नवजात शिशु के अचानक लापता होने की सूचना फैली। घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और सिविल सर्जन डॉ. ललन कुमार ठाकुर स्वयं जांच के लिए वार्ड पहुंचे। उन्होंने तुरंत सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया और पूरे परिसर में सतर्कता बढ़ा दी गई।

बता दे कि मधुबनी जिले के पीपराही निवासी दंपत्ति ने 7 दिसंबर को निर्मली अस्पताल में पुत्र को जन्म दिया था। जन्म के कुछ ही देर बाद नवजात को उल्टी होने पर बेहतर इलाज के लिए उसे सुपौल सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। सोमवार और मंगलवार की रात स्थिति पूरी तरह सामान्य रही, लेकिन बुधवार सुबह परिजनों पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

परिजनों के मुताबिक सुबह बच्चे की नानी उसे दूध पिलाने के लिए वार्ड से बाहर लेकर आई थीं। कुछ देर बाद जब वे बच्चे के पास लौटे तो नवजात कहीं नहीं मिला। जानकारी फैलते ही परिजन पूरे अस्पताल परिसर में बच्चे की खोजबीन में जुट गए, लेकिन कहीं से भी कोई सुराग नहीं मिला। परिजनों का कहना है कि नानी ने दूध पिलाने के बाद बच्चे को वार्ड में मौजूद स्टाफ को ही सौंप दिया था, लेकिन इसके बाद नवजात कैसे और कब गायब हो गया, यह किसी को पता नहीं चल सका।

मामले में सिविल सर्जन डॉ. ललन ठाकुर ने बताया कि सुबह लगभग 10 बजे के आसपास सीसीटीवी फुटेज में नानी को बच्चे के साथ बाहर ले जाते हुए देखा गया है। लेकिन इसके बाद बच्चे को वापस वार्ड में लाते हुए कोई स्पष्ट फुटेज अब तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि घटना की क्रमवार जांच जारी है और एक-एक कैमरे की रिकॉर्डिंग बारीकी से देखी जा रही है ताकि बच्चे की हर मूवमेंट का पता लगाया जा सके।

घटना ने सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। खासकर एसएनसीयू जैसे संवेदनशील वार्ड में प्रवेश-निकास को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध नहीं होने पर लोग सवाल उठा रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण ही उनका बच्चा आज लापता है।

यह पहला मौका है जब सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड से किसी नवजात के गायब होने की घटना सामने आई है। घटना ने प्रशासनिक कार्यशैली और सुरक्षा मानकों पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने जांच तेज कर दी है और पुलिस की मदद से हर एंगल से मामले की जांच की जा रही है।

उधर, नवजात के परिजन बच्चे की सुरक्षित बरामदगी की आस लगाए बैठे हैं और प्रशासन से जल्द कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं।

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