सुपौल: 182 लाख की योजना, वर्षों का इंतजार, राघोपुर में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की सड़क निर्माण अधर में, ग्रामीणों में नाराजगी

News Desk Supaul:

बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना का उद्देश्य राज्य के सुदूर और पिछड़े गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़कर विकास की मुख्यधारा में लाना है। लेकिन सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड अंतर्गत धरहारा पंचायत में यह योजना भ्रष्टाचार, विभागीय लापरवाही और संवेदक की मनमानी की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। हालात यह है कि वर्षों पहले स्वीकृत सड़क आज भी सिर्फ फाइलों और कागजों तक सिमट कर रह गई है, जबकि जमीन पर काम शून्य है।

5–6 वर्षों से अधर में लटकी सड़क योजना

गणपतगंज धोबीयाही वार्ड नंबर-6 से धरहरा महादलित टोला धरमपुर तक प्रस्तावित पक्की सड़क का निर्माण पिछले करीब 5-6 वर्षों से शुरू ही नहीं हो सका है। इस कारण स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय नेताओं और अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन काम आज तक शुरू नहीं हुआ।

करोड़ों की राशि स्वीकृत, सड़क नदारद

जानकारी अनुसार करीब 5 वर्ष पूर्व एनएच-106 धोबीयाही से चिकनापट्टी होते हुए वार्ड नंबर-7 स्थित छोटन मंडल के घर तक लगभग 2.100 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए 182.227 लाख रुपये की भारी-भरकम राशि स्वीकृत की गई थी।

आरोप है कि संवेदक ने केवल रास्ते में कुछ पुल-पुलिया बनाकर उन पर रंग-रोगन कर दिया और मुख्य सड़क निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं जोड़ी। पुलिया बनाकर काम अधूरा छोड़ देना और वर्षों तक कोई ठोस कार्रवाई न होना, पूरे मामले को संदिग्ध बनाता है।

नियमों की खुली अनदेखी

मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत यह अनिवार्य है कि कार्य स्थल पर एक स्पष्ट सूचना बोर्ड लगाया जाए, जिसमें योजना की सारी जानकारी जैसे- कुल राशि, संवेदक का नाम, कार्य प्रारंभ एवं समाप्ति की तिथि आदि जानकारियां दर्ज हो।

लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि स्थल पर लगा बोर्ड अधूरा और संदिग्ध है। न तो उस पर योजना की पूरी जानकारी दर्ज है और न ही ठेकेदार का स्पष्ट विवरण। इससे ग्रामीण कार्य विभाग, वीरपुर के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बरसात में गांव बन जाता है टापू

सड़क नहीं बनने का सबसे ज्यादा खामियाजा स्कूली बच्चों, किसानों और मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार बरसात के मौसम में यह रास्ता कीचड़ और पानी से भर जाता है, जिससे गांव लगभग टापू में तब्दील हो जाता है। गणपतगंज हाई स्कूल जाने के लिए बच्चों को रोजाना 6 से 7 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं धरमपुर महादलित टोला में किसी आपात स्थिति में एंबुलेंस का पहुंचना भी लगभग नामुमकिन हो जाता है।

विभागीय सफाई

मामले में ग्रामीण कार्य विभाग, वीरपुर के सहायक अभियंता अंजन कुमार का कहना है कि पूर्व के संवेदक ने केवल पुलिया का काम किया और बीच में ही काम छोड़ दिया था, जिसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि अब योजना को दोबारा टेंडर प्रक्रिया में डाला गया है और नया ठेकेदार मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।

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