रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव एवं 1984 बैच के आईएएस दीपक कुमार अपने स्कूलिंग जीवन को याद करने के लिए फारबिसगंज पहुंचे। फारबिसगंज के प्लस टू स्तरीय राजकीय उच्च विद्यालय में पहुंचकर अपने पुराने स्कूल के दिनों को याद किया और स्कूल के प्रधानाचार्य तेग बहादुर सिंह और अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह, डीडीसी संजय कुमार, फारबिसगंज एसडीएम आईएएस शैलजा पांडेय, सदर एसडीओ नवनील कुमार, सदर एसडीपीओ रामपुकर सिंह और फारबिसगंज एसडीपीओ खुशरू सिराज के साथ अपने स्कूल लाइफ को साझा किया। उन्होंने बताया कि 1973 में जब उनके पिताजी कोशी प्रोजेक्ट में थे तो उन्होंने इसी स्कूल से क्लास दस की परीक्षा पास की थी।
मौके पर अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह के साथ फारबिसगंज और सदर के एसडीओ और एसडीपीओ समेत अन्य अधिकारी और विद्यालय के शिक्षक मौजूद थे।
मुख्यमंत्री प्रधान सचिव दीपक कुमार स्कूल परिसर में घूमे और उस क्लास में जाकर अपने पुराने दिनों को याद किया। उन्होंने उस समय के स्कूल के प्रिंसिपल धनिक लाल मंडल और अन्य शिक्षकों और अनुशासन प्रतिबद्धता को याद करते हुए भावुक भी हुए। मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा खेल के मैदान के जीर्णोद्धार को लेकर ध्यान आकृष्ट करने पर उन्होंने सीधे शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के के पाठक को फोन लगाकर स्कूल के मैदान के जीर्णोद्धार करवाने को कहा और उन्हें भी बताया कि वे इसी स्कूल से अपनी स्कूलिंग की है। वहीं मौके पर मौजूद डीडीसी संजय कुमार को उन्होंने फारबिसगंज एसडीओ और एसडीपीओ आवास को लेकर भी चर्चा की और एसडीओ और एसडीपीओ के आवास निर्माण करवाने के लिए सकारात्मक पहल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि काफी दिनों से उनकी मंशा स्कूल में जाने की थी और इसी को लेकर स्कूल को देखने यहां आए। इससे पहले मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के फारबिसगंज पहुंचने पर फारबिसगंज थाना परिसर में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं स्कूल पहुंचने पर शिक्षक राजेश वाल्मीकि के देखरेख में एनसीसी के कैडेट्स ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।प्रिंसिपल ने बुके प्रदान कर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ उनकी पत्नी और बेटी भी थी।