



न्यूज़ डेस्क: आज दोपहर 12:10 बजे से लगातार बिहार में स्मार्टफोन्स यूजर के मोबाइल पर एक इमरजेंसी मैसेज आ रहा है जिसे Emergency Alert: Severe का नाम दिया गया है। दरअसल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से दूरसंचार विभाग सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम का परीक्षण करने जा रहा है। इस परीक्षण का मकसद आपातकालीन स्थिति में लोगों को अलर्ट करना है, ताकि इमरजेंसी के हालातों में ज्यादा से ज्यादा लोगों की सुरक्षा की जा सके।
बता दें कि आज शुक्रवार 6 अक्टूबर को ये परीक्षण बिहार में किया गया। ऐसे में मोबाइल ऑपरेटर्स बिहार के लोगों के मोबाइल में ‘इमरजेंसी अलर्ट मैसेज’ भेजे गए। मैसेज की तेज बीप सुनकर लोग परेशान हो गए और उन्हें लग रहा है कि कहीं कोई इमरजेंसी तो नहीं हो गई है। लेकिन ऐसा नहीं है। हालांकि इस तरह के मैसेज से बिल्कुल भी परेशान न हों क्योंकि ये सिर्फ एक टेस्टिंग सैंपल मैसेज था।
इस मैसेज के पीछे का कारण क्या है, आइए जानते हैं।
“यह भारत सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा सेल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम के जरिए भेजा गया एक सैंपल टेस्टिंग मैसेज है। कृपया इस मैसेज को अनदेखा करें क्योंकि आपकी ओर से किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। यह मैसेज नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी द्वारा इम्प्लीमेंट किए जा रहे पैन-इंडिया इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम को टेस्ट करने के लिए भेजा गया है। इसका उद्देश्य पब्लिक सुरक्षा और इमरजेंसी के दौरान अलर्ट उपलब्ध काराना है।
इस अलर्ट को इमरजेसी अलर्ट प्रोसेस को चेक करने के लिए भेजा गया है। यह एक टेस्ट मैसेज है। मैसेज पर भी यह साफ लिखा है कि यह एक टेस्ट सैंपल मैसेज है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने कहा है कि अलग-अलग मोबाइल ऑपरेटरों और सेल ब्रॉडकास्ट सिस्टम की इमरजेंसी अलर्ट ब्रॉडकास्टिंग क्षमता को चेक करने के लिए यह टेस्टिंग समय-समय पर देश भर के अलग-अलग क्षेत्रों में किए जाएंगे।
DoT के अनुसार, सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो सरकार को किसी क्षेत्र के सभी मोबाइल डिवाइसेज पर डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए अहम और टाइम-सेंसिटिव मैसेज भेजने की अनुमति देती है। सरकार ने कहा कि अलर्ट प्रोसेस यह सुनिश्चित करता है कि आवश्यक इमरजेंसी डिटेल्स ज्यादा से ज्यादा लोगों तक समय पर पहुंचे। इसका इस्तेमाल सरकारी एजेंसियों और इमरजेंसी सर्विसेज द्वारा जनता को संभावित खतरों के बारे में सूचित करने और उन्हें सूचित रखने के लिए किया जाता है।
सेल ब्रॉडकास्ट का इस्तेमाल आमतौर पर इमरजेंसी अलर्ट देने के लिए किया जाता है जिसमें सुनामी, अचानक बाढ़ आना, भूकंप आदि जैसे शामिल हैं।
6 से 8 महीनों में लागू हो सकता है अलर्ट सिस्टम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘सरकार अगले 6 से 8 महीनों में अलर्ट सिस्टम लागू करने की प्लानिंग कर रही है। सरकार आने वाले महीनों में टीवी, रेडियो और रेलवे स्टेशनों पर भी इस तरह के अलर्ट मैसेज भेजने की टेस्टिंग कर सकती है।
NDMA के साथ काम कर रही सरकार दूरसंचार विभाग के सेल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम ने बताया- मोबाइल ऑपरेटरर्स और सेल ब्रॉडकास्ट सिस्टम की इमरजेंसी वॉर्निंग कैपेबिलिटी को परखने के लिए समय-समय पर अलग-अलग क्षेत्रों में इस तरह की टेस्टिंग की जाएगी। आपदाओं के समय बेहतर तैयारी के लिए सरकार NDMA के साथ काम कर रही है।
इन राज्यों में इन तारीखों में होगा परीक्षण
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार अगले 6-8 महीनों में सेल ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी-आधारित आपदा चेतावनी प्रणाली शुरू करने की योजना बना रही है। इस कड़ी में तमाम राज्यों में इसके लिए परीक्षण किए जा रहे हैं। बिहार में आज इसका परीक्षण किया गया। इसके बाद 10 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में, 12 अक्टूबर को कर्नाटक में और 16 अक्टूबर को गुजरात में परीक्षण होगा।