



रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
नव वर्ष 2024 के पहले दिन फारबिसगंज सुभाष चौक पर ट्रक और बस के ड्राइवर और खलासियों ने सोमवार को सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। सड़क जाम के कारण इस मार्ग से नेपाल जाने की मंशा पाले लोगों को काफी आघात लगा। बाद में सड़क जाम की स्थिति में न्यू ईयर सेलिब्रेट करने वालों ने अपना रास्ता बदलते हुए कृषि उत्पादन बाजार समिति परिसर होते हुए या फिर वापस एनएच 57 फोरलेन सड़क पकड़ कर नेपाल की ओर रुख किया। दरअसल ट्रक चालकों और खलासी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सड़क हादसे होने पर सात लाख रूपये की जुर्माना और दस साल के सजा के नए हिट एंड रन प्रावधान को लेकर दिए गए बयान के विरोध में यह प्रदर्शन किया। जिसमे विभिन्न ट्रांसपोर्ट के ट्रक चालकों ने अपनी ट्रक को सुभाष चौक पर खड़ा कर प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार और नए प्रावधान के खिलाफ नारेबाजी की गई। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री के सड़क हादसे को लेकर दिए गए नए प्रावधान रूपी बयान के खिलाफ फारबिसगंज के बस ऑनर ने अपनी बस को बस स्टैंड में खड़ी कर दी और बस को नहीं चलाया। प्रदर्शन कर रहे ट्रक और बस चालकों का कहना है कि जिस तरह का प्रावधान किया गया है, वह कहीं से भी जनहित में नहीं है। कोई भी चालक नहीं चाहता है कि उनकी गाड़ी से कोई हादसे हो, लेकिन प्रायः सड़क पर लापरवाही बरतने के कारण इस तरह के हादसे अधिकांश होते हैं। ऐसे में इस तरह का निर्णय गैर संवैधानिक है।इस तरह के कानून लागू होने पर देश में वाहनों का पहिया थम जाएगा। जिससे न केवल गुड्स ट्रांसपोर्ट बल्कि यात्रियों के आवाजाही में भी परेशानी होगी।

प्रदर्शन कर रहे उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद के करीम खान ने बताया कि दिल्ली से वह ट्रक लेकर आया है और लगातार दो दिनों तक ट्रक चलाकर फारबिसगंज पहुंचे, लेकिन ऐसे कानून या प्रावधान से गाड़ियों को चला पाना काफी मुश्किल है। वह क्या कोई भी ड्राइवर कभी नहीं चाहता है कि किसी तरह का कोई हादसा हो। लेकिन अगर ऐसा हो जाता है तो अपने जीवन काल में वे इतना रुपैया नहीं कमा सकते हैं। वहीं हरियाणा के भिवानी के ट्रक चालक सरदार करतार सिंह ने कहा कि ट्रैफिक नियमों का पालन जरूरी है। लेकिन प्रायः ऐसा देखा जाता है कि जब हादसे होते हैं तो गलती नहीं होने के बावजूद जबरन बड़ी गाड़ियों के चालक पर दोष जबरन मढ दिया जाता है। तोड़फोड़ और रंगदारी बड़ी गाड़ी के चालकों के साथ आम बात है। ऐसे में इस तरह के जुर्माना और सजा के नियम बनाया जाना, बिलकुल ही समझ से परे है।

वहीं फारबिसगंज से स्थानीय और दूरदराज क्षेत्र में यात्री वाहन चलाने वाले सुपर हमसफर ट्रेवल्स के मालिक मो असलम ने बताया कि उनकी कंपनी की करीब 70 से 75 बस प्रतिदिन चलती है। लेकिन अचानक ही बस के चालकों ने गाड़ी को खड़ा कर दिया और लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के बयान को आधार बनाते हुए गाड़ी चलाने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का नियम तार्किक नहीं है। क्योंकि ड्राइवर ड्राइविंग कर किसी तरह अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। ऐसे में इतना जुर्माना और सजा गलत है। उन्होंने बताया कि वाहन चालकों ने तीन दिन के लिए हड़ताल पर जाने की बात करते हुए गाड़ी चलाने से इंकार कर दिया है। लेकिन वेलोग वाहन चालकों से बात कर मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इधर चालकों द्वारा बस का परिचालन नहीं करने के कारण मुख्य बस स्टैंड सहित पटना बस स्टेंड बस दिनभर खड़ी रही। जिसके कारण यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।