न्यूज डेस्क:
महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दौरान प्रयागराज में संगम क्षेत्र में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। घटना के बाद मेला क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से बार-बार अपील की है कि वे जहां हैं, वहीं ठहरें और संयम बनाए रखें। इसके बावजूद भीड़ गंगा की ओर बढ़ती जा रही है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
हादसे के कारण और घटनाक्रम
यह हादसा देर रात करीब 2 बजे हुआ। संगम नोज पर बने बैरियर टूटने के बाद भगदड़ मच गई। भीड़ के बेकाबू होने से कई लोग दब गए और घायल हो गए। घायलों का इलाज मेला क्षेत्र के सेक्टर 2 में बने केंद्रीय अस्पताल में किया जा रहा है। वहीं, घटनास्थल पर मौजूद राहत दलों ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया।
साधु-संतों और प्रशासन की अपील
घटना के बाद कई साधु-संतों ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे शांति बनाए रखें और अपने स्थान पर ही रहें। अखाड़ा परिषद ने भी सभी 13 अखाड़ों का आज का अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव प्रयास शुरू कर दिए हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
इस घटना की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और हालात का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने घायलों के तुरंत इलाज के निर्देश दिए और प्रशासन को हर संभव मदद पहुंचाने को कहा। मुख्यमंत्री ने भी मेला क्षेत्र में सुरक्षा और राहत कार्यों को तेज करने के आदेश दिए हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
गौरतलब है कि 13 जनवरी से शुरू हुए इस महाकुंभ में अब तक करीब 15 करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। आज मौनी अमावस्या के दिन ही 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के संगम पहुंचने की संभावना जताई गई थी। भारी भीड़ के कारण पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था पर दबाव था, लेकिन इस हादसे ने हालात को और मुश्किल बना दिया है।