मनीष कश्यप ने छोड़ी भाजपा, बोले – अब बिहार और बिहारियों के लिए लड़ूंगा, पीएम मोदी से कोई बैर नहीं

न्यूज डेस्क पटना:

चर्चित युवा पत्रकार और पूर्व बीजेपी सदस्य मनीष कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की घोषणा उन्होंने रविवार को अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लाइव आकर की। लाइव के दौरान उन्होंने भावुक होते हुए पार्टी से अपने नाता तोड़ने की वजहें विस्तार से बताईं।

मनीष कश्यप ने कहा –

“मैं मनीष कश्यप अब भाजपा का सदस्य नहीं हूं। मैं खुद इसकी सार्वजनिक घोषणा करता हूं। जब तक पार्टी में रहा, तन-मन और धन से पूरी ईमानदारी से काम किया। लेकिन अब महसूस होता है कि पार्टी में रहकर मैं बिहार और बिहारियों की समस्याओं को खुलकर नहीं उठा सकता। इसलिए मैंने यह कठिन निर्णय लिया है।”

उन्होंने बताया कि हाल ही में वे अपने क्षेत्र चनपटिया के दौरे पर थे, जहां आम जनता से बातचीत के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि बिहार में मूलभूत समस्याओं को लेकर अब ज़मीनी संघर्ष जरूरी है।

“बिहार से हो रहे पलायन को रोकना है, स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारनी है, युवाओं को रोजगार दिलाना है। पार्टी के भीतर रहकर मैं इन मुद्दों को मजबूती से नहीं उठा पा रहा था। अब किसी भी राजनीतिक मंच से नहीं, सीधे जनता के लिए लड़ूंगा।”

‘मैं महत्वकांक्षी नहीं हूं’ – विरोधियों को दिया करारा जवाब

उन्होंने उन आलोचकों को भी जवाब दिया जो उन्हें सत्ता की लालसा रखने वाला बता रहे हैं।

“कुछ लोग कह रहे हैं कि मनीष कश्यप महत्वकांक्षी है। अगर मैं महत्वकांक्षी होता तो 2024 का लोकसभा चुनाव लड़कर कई लोगों का खेल बिगाड़ देता। लेकिन मेरा लक्ष्य सत्ता नहीं, सेवा है।”

‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी’

उन्होंने कहा कि भाजपा में रहते हुए भी वे भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं की समस्याओं को लेकर आवाज उठाते रहे, लेकिन अब उन्हें लग रहा है कि पार्टी की सीमा में रहकर वे ईमानदारी से काम नहीं कर पाएंगे।

“अब किसी ऐसे प्लेटफॉर्म की तलाश करूंगा जहां से मैं आम लोगों की आवाज़ बन सकूं। मैं उस कुर्सी के खिलाफ हूं, जिसपर बैठकर बिहार को लूटा जा रहा है।”

पीएम मोदी पर नरम रुख, मांगे रखी सामने

मनीष कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति सम्मान जताते हुए साफ किया कि उनका पार्टी से अलग होना प्रधानमंत्री के विरोध का संकेत नहीं है।

“मैं कभी भी मर्यादा की सीमा लांघकर प्रधानमंत्री जी के खिलाफ नहीं बोलूंगा। मेरे लिए नरेंद्र मोदी जी कल भी यशस्वी प्रधानमंत्री थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे। लेकिन मैं यह ज़रूर कहूंगा कि बिहार को चीनी मिलें, अच्छे अस्पताल और रोजगार चाहिए। अगर सरकार यह नहीं देगी तो मैं अपनी बात कानों तक ज़रूर पहुंचाऊंगा।”

बिहार चुनाव में उतरने के संकेत, जनता से मांगी राय

चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन उन्होंने जनता से राय मांगी है।

“आप बताइए मुझे किस पार्टी से या निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहिए? मैं सिर्फ आपके भरोसे और आपके समर्थन से कोई निर्णय लूंगा।”

‘मैं मर्यादा में रहूंगा’ – भावुक अंदाज़ में मांगी माफी

अंत में मनीष कश्यप ने भाजपा में बिताए दिनों को याद करते हुए भावुक लहजे में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से माफी भी मांगी।

“मैं उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं जिन्होंने मुझे पार्टी का सदस्य बनाकर रखा। मेरा सभी से वादा है कि मैं मर्यादा में रहकर ही अपनी लड़ाई जारी रखूंगा। मुझे बहुत कुछ झेलना पड़ा, लेकिन अब बिहार के लिए, बिहारियों के लिए आगे बढ़ना है।”

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