सीतामढ़ी में बनेगा भव्य सीता मंदिर, लगेगी 108 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा; प्रधानमंत्री से भूमि पूजन कराने की तैयारी

न्यूज डेस्क सीतामढ़ी:

बिहार के सीतामढ़ी जिले में धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ऐतिहासिक महत्व रखने वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू होने जा रहा है। यहां माता सीता के नाम पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जिसकी हाल ही में आधिकारिक घोषणा की गई है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का भी प्रतीक होगा।

इस भव्य मंदिर का निर्माण रामायण रिसर्च काउंसिल की देखरेख में किया जाएगा। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने इस परियोजना के लिए पहले ही 12 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी है। मंदिर परिसर में भगवान हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।

इस परियोजना की जानकारी दिल्ली स्थित कांस्टिट्यूशन क्लब में आयोजित एक भव्य प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी गई। इस मौके पर जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं होगा, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतिनिधित्व करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सभी प्रमुख संत चाहते हैं कि इस मंदिर का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हो। इसके लिए शीघ्र ही संतों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें औपचारिक निमंत्रण देगा। हालांकि भूमि पूजन की तारीख अभी तय नहीं की गई है।

स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि सीतामढ़ी को लंबे समय से एक महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने की बात हो रही थी, जो अब साकार होने जा रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक सूत्र में बांधने का कार्य करेगा।

स्वामी बालकानंद गिरि महाराज ने मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में एक सहयोग एवं जनजागरण अभियान चलाने की घोषणा की। उन्होंने देशवासियों से इस पुण्य कार्य में योगदान देने की अपील की, ताकि यह परियोजना शीघ्र पूर्ण हो सके।

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि यह मंदिर केवल एक भव्य इमारत नहीं होगा, बल्कि इसके माध्यम से माता सीता के जीवन मूल्यों, आदर्शों और त्याग की भावना को पूरी दुनिया तक पहुंचाया जाएगा। मंदिर का उद्देश्य रामायण और भारतीय संस्कृति को जीवंत और सशक्त रूप में प्रस्तुत करना है।

Leave a Comment

[democracy id="1"]