



न्यूज डेस्क पटना:
राजगीर से विशेष रिपोर्ट बिहार के राजगीर स्टेडियम में 9 और 10 अगस्त को एशिया रग्बी अंडर-20 सेवेंस चैंपियनशिप 2025 का आयोजन किया जा रहा है। यह टूर्नामेंट बिहार में खेल विभाग के गठन के बाद आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई आयोजनों की एक और महत्वपूर्ण कड़ी है। टूर्नामेंट में एशिया के 9 देशों की कुल 16 टीमें – 8 पुरुष और 8 महिला – हिस्सा लेंगी।
खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. राजेंद्र ने जानकारी दी कि यह प्रतियोगिता एशिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे रग्बी खेल को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह टूर्नामेंट विशेष रूप से 20 वर्ष से कम आयु के खिलाड़ियों के लिए आयोजित किया जा रहा है।
इस टूर्नामेंट में भारत, चीन, हॉन्गकॉन्ग, यूएई, उज़्बेकिस्तान, कज़ाख़िस्तान, श्रीलंका, मलेशिया और नेपाल की टीमें भाग लेंगी। भारत, चीन, हॉन्गकॉन्ग, यूएई, उज़्बेकिस्तान, कज़ाख़िस्तान और श्रीलंका की ओर से पुरुष और महिला दोनों टीमें भाग लेंगी, जबकि मलेशिया से केवल पुरुष और नेपाल से केवल महिला टीम आएगी।
भारत की पुरुष टीम की कप्तानी पश्चिम बंगाल के सुमित कुमार राय करेंगे, जबकि महिला टीम की कप्तानी राजस्थान की मुंद्रिका शुक्ला को सौंपी गई है। टूर्नामेंट में बिहार की भी भागीदारी खास है। भारतीय महिला टीम में बिहार की चार बेटियां शामिल हैं — पटना की आरती कुमारी, सुपौल की अंशु कुमारी, नालंदा की अल्पना कुमारी और मुजफ्फरपुर की गुड़िया कुमारी। वहीं पुरुष टीम में पटना के गोल्डन कुमार और सागर प्रकाश को जगह मिली है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 अगस्त को स्वयं राजगीर स्टेडियम का मुआयना किया और तैयारियों का जायजा लिया। खिलाड़ियों का आगमन भी शुरू हो चुका है। जानकारी के अनुसार, चीन की टीम 7 अगस्त की शाम को पटना एयरपोर्ट पहुंचेगी, जहां से उन्हें विशेष एस्कॉर्ट के जरिए राजगीर ले जाया जाएगा। वहीं, नेपाल की महिला टीम सड़क मार्ग से सीधे राजगीर पहुंचेगी।
भारतीय रग्बी संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व अभिनेता राहुल बोस ने रग्बी को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि यह खेल अब भारत में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। पहले यह खेल ग्रेट ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में अधिक खेला जाता था, लेकिन अब भारत के लगभग सभी राज्यों में अच्छे खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं।
रग्बी एक अंडाकार गेंद से खेला जाने वाला टीम गेम है, जिसमें दो टीमें एक-दूसरे के खिलाफ मैदान पर प्रतिस्पर्धा करती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी टीम के ट्राईलाइन के पीछे गेंद को पहुंचाकर ‘ट्राई’ के रूप में अंक अर्जित करना होता है। खिलाड़ी गेंद को पास, किक और टैकल कर सकते हैं, लेकिन केवल पीछे या बगल में पास करना मान्य होता है।