अमित शाह का बिहार दौरा: जानकी मंदिर के पुनर्विकास से लेकर एनडीए में सीट बंटवारे तक कई स्तर पर होगी सियासी हलचल

न्यूज डेस्क पटना:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 7 और 8 अगस्त को दो दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं। इस यात्रा के दो बड़े उद्देश्य हैं—एक ओर जहां वे सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता मंदिर के भव्य पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास करेंगे, वहीं दूसरी ओर एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान को भी सुलझाने की कोशिश करेंगे।

धार्मिक आस्था के साथ राजनीति का मेल

अमित शाह इस दौरे में सबसे पहले दरभंगा पहुंचेंगे और फिर वहां से सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम जाएंगे, जहां 882.87 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले भव्य जानकी मंदिर परियोजना की आधारशिला रखेंगे। यह मंदिर 67 एकड़ भूमि में विकसित किया जाएगा और इसे 11 महीनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस स्थान को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है, और इसका विकास अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि की तर्ज पर किया जा रहा है। शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे।

सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझाने की कोशिश

हालांकि धार्मिक आयोजन इस दौरे का मुख्य आकर्षण है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाह की यह यात्रा एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चल रही तनातनी को शांतिपूर्वक सुलझाने की एक रणनीतिक कवायद भी है। पिछले चुनाव में जहां भाजपा ने वीआईपी को और जदयू ने हम (जीतनराम मांझी) को सीटें दी थीं, इस बार गठबंधन में नई चुनौती है। वीआईपी गठबंधन से बाहर हो चुका है, वहीं दो नए दल लोजपा (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा) शामिल हो गए हैं।

अब सवाल ये है कि इन नए सहयोगी दलों को सीट देने के बाद भाजपा और जदयू के बीच सीटों का नया फॉर्मूला क्या होगा? क्या सीटों का बंटवारा आधी-आधी हिस्सेदारी के आधार पर होगा या भाजपा फिर से ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रहेगी, जैसा कि लोकसभा चुनाव 2024 में देखा गया था, जहां भाजपा ने 17 और जदयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

रणनीतिक वक्त और संवेदनशील समीकरण

अमित शाह का 7 अगस्त को सुबह 9 बजे बिहार पहुंचना तय माना जा रहा है। जानकी मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम से पहले के ये घंटे राजनीतिक स्तर पर बेहद अहम माने जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस समय का इस्तेमाल वे सहयोगी दलों के नेताओं से बंद कमरे में बैठकों के लिए करेंगे, ताकि 2025 विधानसभा चुनाव से पहले एक सर्वमान्य सीट शेयरिंग मॉडल पर सहमति बन सके।

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