सीवान में प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव जनसभा, विपक्ष पर तंज और जनता से बड़े वादे

News Desk Siwan:

जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर रविवार को अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत सीवान जिले के महाराजगंज पहुंचे। भगवानपुर कॉलेज मैदान में आयोजित ‘बिहार बदलाव जनसभा’ में हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, विपक्षी दलों की यात्राओं और बिहार की ज्वलंत समस्याओं पर खुलकर अपनी बात रखी।

राहुल-तेजस्वी पर साधा निशाना

सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्राओं को लेकर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा,
“बिहार को दिखावे और फालतू यात्राओं की नहीं, बल्कि रोजगार देने वाली और पलायन खत्म करने वाली यात्रा की जरूरत है। यहां मोदीजी आकर कांग्रेस को गाली देंगे, कांग्रेस वाले मोदीजी को गाली देंगे, तेजस्वी भी अपना राजनीतिक भाषण देंगे, लेकिन बिहार का युवा यह सब सुनना नहीं चाहता। वह जानना चाहता है कि राज्य में फैक्ट्री कब लगेगी, रोजगार कब मिलेगा और पलायन कब रुकेगा।”

गांधी और आंबेडकर की विचारधारा का हवाला

पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कहा कि जन सुराज की विचारधारा गांधी और आंबेडकर से प्रेरित है। उन्होंने कहा,“हमारी पार्टी के झंडे पर गांधी और आंबेडकर की तस्वीर है। हम चाहते हैं कि गांधी-आंबेडकर की विचारधारा को मानने वाले लोग मुसलमानों के साथ मिलकर ऐसा सामाजिक और राजनीतिक गठजोड़ बनाएं, जिससे भाजपा को हराया जा सके।”

जनता से किए बड़े वादे

प्रशांत किशोर ने सीवान की जनता से कई बड़े वादे भी किए। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2025 से बिहार में बड़ा बदलाव दिखने लगेगा।

  • 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।
  • 15 साल तक के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी, जब तक कि सरकारी स्कूलों की हालत सुधार नहीं दी जाती।
  • बिहार के युवाओं को राज्य से बाहर पलायन नहीं करना पड़ेगा। लगभग 50 लाख युवाओं को यहीं 10-12 हजार रुपये की रोजगार की सुविधा दी जाएगी।

उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि “इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। आने वाले वर्षों में राज्य के युवाओं को रोज़गार के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।”

बदलाव का संकल्प

सभा के अंत में प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को असली विकास की राह पर लाने के लिए सिर्फ नारे और भाषण नहीं, बल्कि ठोस कदमों की जरूरत है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे जाति-धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार के मुद्दों को प्राथमिकता दें और बिहार को एक नए रास्ते पर आगे बढ़ाने में जन सुराज का साथ दें।

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