मोकामा गोलीकांड से गरमाई बिहार की सियासत, जाने कौन थे जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव जिनकी हत्या से मचा बवाल

News Desk Patna:

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से महज छह दिन पहले मोकामा में हुई गोलीबारी की घटना ने पूरे बिहार की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है। गुरुवार देर रात मोकामा के तारतर गांव में जनसुराज पार्टी के समर्थक और स्थानीय प्रभावशाली नेता दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या को लेकर बाहुबली विधायक और एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों पर आरोप लगे हैं। फिलहाल घटना को लेकर इलाके में तनाव का माहौल है और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।

प्रचार के दौरान हुई हत्या

जानकारी के मुताबिक, मृतक दुलारचंद यादव जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के प्रचार में लगातार सक्रिय थे। गुरुवार को भी वे प्रचार अभियान में शामिल थे। बताया जाता है कि इसी दौरान उनकी कुछ लोगों से कहासुनी हुई और बाद में लाठी-डंडों से पिटाई कर उन्हें गोली मार दी गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने दुलारचंद के पैर में गोली मारी और फिर उन्हें कार से कुचल दिया। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

अनंत सिंह समर्थकों पर हत्या का आरोप

जनसुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी (लल्लू मुखिया) ने इस हत्या के लिए सीधे अनंत सिंह और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा दुलारचंद यादव हमारे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता थे। उनकी हत्या चुनावी रंजिश में कराई गई है। हत्या के पीछे मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह के समर्थकों का हाथ है।

घटना के बाद तारतर गांव में लोगों ने शव सड़क पर रखकर पांच घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण रही। मौके पर कई थानों की पुलिस पहुंची और किसी तरह हालात को नियंत्रित किया गया।

अनंत सिंह का पलटवार

दूसरी ओर, मोकामा से एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि वे अपने काफिले के साथ जा रहे थे, तभी दुलारचंद यादव के समर्थकों ने उनके काफिले पर पथराव कर दिया। अनंत सिंह ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे किसी तीसरे पक्ष की साजिश है। उन्होंने कहा कि मारे काफिले पर हमला किया गया, हमारे समर्थक घायल हुए। भीड़ में किसी ने गोली चलाई। ये पूरा खेला सूरजभान सिंह का है, जिन्होंने जानबूझकर माहौल बिगाड़ने और हमें बदनाम करने की कोशिश की है।

उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो और फोटो जारी कर यह दावा किया कि पहले हमला जनसुराज के कार्यकर्ताओं की ओर से हुआ था।

कौन थे दुलारचंद यादव

दुलारचंद यादव का नाम मोकामा टाल क्षेत्र में राजनीतिक और आपराधिक दोनों कारणों से बेहद चर्चित रहा है।

  • 80 और 90 के दशक में वे इलाके के सबसे प्रभावशाली चेहरों में गिने जाते थे।
  • 90 के दशक में वे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के संपर्क में आए और मोकामा विधानसभा से चुनाव लड़ा, हालांकि हार का सामना करना पड़ा।
  • उनके ऊपर घोषबरी और बाढ़ थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
  • वर्ष 2019 में पटना पुलिस ने उन्हें “कुख्यात अपराधी” बताकर गिरफ्तार किया था।
  • पहलवानी का शौक रखने वाले दुलारचंद कभी अनंत सिंह के नजदीकी हुआ करते थे, लेकिन हाल के महीनों में उन्होंने जनसुराज पार्टी का दामन थाम लिया था और अनंत सिंह के खिलाफ खुलकर बोल रहे थे।
  • उनके जनसुराज प्रत्याशी लल्लू मुखिया से जुड़ने के बाद से दोनों पक्षों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा था।

तेजस्वी यादव और पप्पू यादव ने उठाए सवाल

घटना के बाद बिहार की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा राज्य में आचार संहिता लागू है, फिर भी लोग खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे हैं। सरकार बताएं, कानून व्यवस्था कहाँ है?

वहीं, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव देर रात मोकामा पहुंचे और मृतक के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने बिना नाम लिए अनंत सिंह पर निशाना साधते हुए कहा हर बड़ी घटना में आखिर एक ही नाम क्यों आता है? प्रशासन असली अपराधियों को छोड़ विपक्षी दलों के लोगों को फंसा रहा है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो सूरजभान सिंह की हत्या भी हो सकती है।

इलाके में तनाव, जांच जारी

घटना के बाद से मोकामा और बाढ़ थाना क्षेत्रों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हत्या की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है और हर एंगल से मामले की पड़ताल की जा रही है।

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