न्यूज़ डेस्क: भारतीय वायुसेना, जिसे आमतौर पर Indian Air Force, IAF के रूप में जाना जाता है, भारतीय सशस्त्र बलों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारतीय सुरक्षा प्रणाली का प्रमुख आकांक्षी है। यह संगठन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 1932 में स्थापित हुआ था और वर्तमान में यह दुनिया की चुनौतीपूर्ण और तकनीकी दृष्टि से प्रगतिशील वायु सेना में से एक है। भारतीय वायुसेना ने इसके गुणवत्ता, प्रशासनिक क्षमता और तकनीकी महारत्व के साथ कई युद्धों में अपनी अद्वितीय क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, जैसे कि 1965, 1971, और कारगिल युद्ध। यह न केवल देश की आकाशीय सुरक्षा के लिए अहम है, बल्कि विमानों के साथ सामरिक क्षमताओं के साथ भी प्राकृतिक आपातकालों और वित्तीय उपयोग के लिए बड़ी समर्थना प्रदान करती है। भारतीय वायुसेना के पास विभिन्न प्रकार के युद्ध विमान, हेलीकॉप्टर, और पायलट्स के लिए उच्च शिक्षा की सुविधाएँ हैं, और यह दुनिया के अनेक समरिक उपकरणों का उपयोग करके अपने मिशनों को पूरा करती है। भारतीय वायुसेना की उपलब्धियों को याद करने और सैनिकों के साहस को नमन करने के लिए हर साल वायुसेना दिवस की वर्षगांठ मनाई जाती है।
आज देशभर में वायुसेना दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने से पहले वायु सेना की उपलब्धियों, इस दिन को मनाने की खास वजह और इतिहास के बारे में जानिए।
कब मनाते हैं भारतीय वायुसेना दिवस?
हर साल 8 अक्तूबर को भारतीय वायुसेना दिवस मनाते हैं। आज प्रयागराज के संगम क्षेत्र में जहां देश की सुरक्षा में लगे लड़ाकू विमान अपना शौर्य दिखा रहे हैं तो वहीं मध्य वायु कमान मुख्यालय बमरौली में वायु योद्धाओं की परेड हो रही है। आयोजन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के साथ वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने शिरकत की। आज वायुसेना के नए ध्वज का भी अनावरण भी हुआ।
भारतीय वायुसेना दिवस का इतिहास
दरअसल भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले ही भारतीय वायुसेना की स्थापना की जा चुकी थी। 8 अक्तूबर, 1932 को औपनिवेशिक शासन के अधीन अविभाजित भारत में वायुसेना की स्थापना की गई। भारत की वायुसेना द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुई, जिसके लिए किंग जार्ज VI ने सेना को ‘रायल’ प्रीफिक्स से नवाजा था। हालांकि देश की आजादी के बाद जब भारत गणतंत्र राष्ट्र बना तो प्रीफिक्स को हटा दिया गया।
क्यों मनाते हैं वायुसेना दिवस?
हर साल इस दिन को बहुत ही जोश व उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य देश के लोगों के लिए सशस्त्र बल वायुसेना के योगदान को समझाना और सराहना करना होता है। भारतीय वायुसेना दिवस वीर और सेवानिवृत्त अधिकारियों को सलामी और सम्मान देने का मौका प्रदान करता है। यह दिन भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों के योगदान को याद करने और उनके साहस और बलिदान को मान्यता देने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस मौके पर वायुसेना अलग-अलग स्थलों पर आकाशीय डिस्प्ले, पैरेड और अन्य कार्यक्रम आयोजित करती है, जिन्हें लोग उपस्थित होकर देखते हैं।
भारतीय वायुसेना का परचम
भारतीय वायुसेना के नाम कई उपलब्धियां हैं। आजादी के बाद से भारतीय वायुसेना ने कुल 5 युद्ध लड़े। इसमें से चार युद्ध पाकिस्तान के खिलाफ रहे और एक भारत व चीन के बीच हुआ। भारत और पाकिस्तान की जंग 1948, 1965, 1971 और 1999 में हुई, जिसमें भारतीय वायुसेना का अहम योगदान रहा। चीन के साथ 1962 में हुए युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने अपना बल दिखाया। इसके अलावा ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक भारतीय