मधुबनी: गायत्री विराट महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा में उमड़ी भक्तों की भीड़, संत-महात्माओं की अमृतवाणी से मंत्र-मुग्ध हुए श्रद्धालु

न्यूज डेस्क मधुबनी:

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में आयोजित चार दिवसीय चौबीस कुंडीय विराट गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा वाचन के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही। आस-पास के इलाके से हजारों की संख्या में पहुंचे महिला व पुरुष श्रद्धालु संतो के प्रवचन का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।

बता दें कि जिले के खुटौना पहाड़ी टोल में आयोजित इस महायज्ञ में सैकड़ों में बाल-बच्चों संग पहुंचे दंपति विधिवत मंत्रोच्चार के साथ हवन कुंड में आहुति अर्पित कर रहे हैं। वहीं शांतिकुंज हरिद्वार के ऋषि पुत्रों द्वारा गायत्री महामंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्र जाप किया जा रहा है। यज्ञ को लेकर पूर्ण इलाके में भक्ति रस से ओत-प्रोत भक्त श्रद्धालु संतो के अमृतवाणी का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। संध्या कालीन बेला मनमोहक सुमधुर आरतियां गाई जा रही है। आचार्य राम तपस्या ने अपने भक्ति प्रवचन में मानव जीवन के समुचित मूल्यों के प्रति लोगों को सचेत कर रहे हैं। उन्होंने पुरूष व महिलाओं को जीवन शैली में सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए कहा कि महिलाओं को श्रृंगार के बीच खुले बालों से परहेज करना चाहिए। जिन महिला की चोटी जितनी लंबी होती है वो उतनी ही सौभाग्यशाली होती हैं। चोटी रखने के अपने अलग सिद्धांत हैं। जब द्रौपदी ने चोटी खोली तो महाभारत हुआ और कैकेयी ने चोटी खोली तो भगवान श्री राम को वनवास जाना पड़ा। मनुष्य को जीवन में प्रत्येक कार्य शांत चित्त होकर और सौम्यता के साथ करना चाहिए। अति उत्सुकता और अति उत्साह सदैव कष्ट कारक होता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को व्यसन से दूर रहना चाहिए। मांस-मदिरा का सेवन राक्षसी प्रवृत्ति को दर्शाता है। अहंकार का त्याग कर जीवन में उत्कृष्टता पाया जा सकता है।

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