न्यूज डेस्क सुपौल:
जिले के राघोपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धरहारा पंचायत के चिकनापट्टी गांव में स्वच्छ जल मिशन एवं संत निरंकारी मिशन के बाबा हरदेव सिंह जी की स्मृति में रविवार को संत निरंकारी मिशन की टीम ने सवच्छता अभियान चलाया। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेशानुसार चलाए गए अभियान में त्रिवेणीगंज निरंकारी मिशन टीम के मुखी महात्मा भूपेंद्र यादव के मार्गदर्शन में छठ घाट व बस्ती में सड़कों पर सफाई अभियान किया।
इस स्वच्छता अभियान कार्यक्रम में निरंकारी मिशन के सेवादल, महिला व पुरुष महात्मा, पंचायत के स्वच्छताकर्मी एवं समाजसेवियों ने उपस्थित होकर स्वच्छता मिशन में छठ घाट के साथ साथ पूरे बस्ती के सड़क किनारे दोनो ओर साफ-सफाई किया।
जानकारी देते हुए मिशन के मुखी महात्मा भूपेंद्र यादव ने कहा कि संत निरंकारी मिशन ने दुनिया को आध्यात्मिक रूप से बांधकर रखा है और बिना दीवारों के दुनिया बनाने के उद्देश्य से प्रेम और करुणा का संदेश फैलाया है। बाबा हरदेव सिंह जी ने भक्तों को आध्यात्मिक रूप से जागृत होने और अपने कर्तव्यों को पूरा करने के साथ-साथ मानवता और प्रकृति की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। वर्तमान समय में सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज इसी संदेश के साथ अग्रेषित डंडा लेकर चल रहे हैं। कहा कि स्वछ जल-स्वछ मन के साथ इस अमृत प्रोजेक्ट के माध्यम से यह स्वच्छता अभियान चलाया गया है।
मौके पर उपस्थित जिला परिषद प्रतिनिधि धीरेंद्र यादव ने कहा कि निरंकारी मिशन द्वारा चलाया गया यह स्वच्छता अभियान सराहनीय कार्य है। कहा कि इस तरह का अभियान से गांवों को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह का स्वच्छता अभियान सभी लोगो को चलाना चाहिए।
वहीं पंचायत के स्वच्छता अभियान पर्यवेक्षक राजेश यादव ने कहा कि पंचायत में स्वच्छता कर्मियों के द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान में सामाजिक लोगों के अलावा अब धार्मिक लोगो का भी सहयोग मिल रहा है जो सराहनीय योगदान है।
स्वच्छता अभियान के दौरान शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष रामसेवक यादव, मुखिया कमलेश साह एवं समिति विपिन यादव ने स्वच्छता अभियान में शामिल पूरे टीम को शुभकामनाएं दी। कहा कि जब हम स्वछ रहेंगे तभी जाकर हम स्वस्थ रहेंगे।
इस मौके पर वार्ड सदस्य वासुदेव यादव, शिवसागर सिंह, अरुण दास, राजकुमार साह, रामचन्द्र ठाकुर, हरिहर शर्मा, अर्जुन यादव, सीकेन्द्र, संतोष, अरविंद, पवन, गुरमत, सुखदेव शर्मा, भोला देवी, सीता देवी, चंदा देवी, रानी देवी, बुचिया देवी, तेंदुला देवी, डोमनी देवी, गीता देवी, दानवती देवी, रीना देवी सहित दर्जनों महात्मा, समाजसेवी व ग्रामीण लोग उपस्थित थे।