रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
एडीजे चतुर्थ रवि कुमार के कोर्ट ने नगर थानाध्यक्ष को एनडीपीएस मामले में सशरीर न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया। थानाध्यक्ष के विरुद्ध दंड प्रकिया संहिता की धारा 349 के अंतर्गत कार्रवाई नहीं करने को लेकर सशरीर न्यायालय में प्रस्तुत होने का आदेश जारी किया। न्यायालय ने थानाध्यक्ष को सशरीर उपस्थित होने के लिए 12 मार्च 2024 तक की समय सीमा तय की है। न्यायालय ने यह आदेश विशेष एनडीपीएस वाद संख्या – 03/2024 में जारी की।
मामला अररिया थाना कांड संख्या 968/2023 से सम्बंधित है। इसके सूचक स्वयं तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेंदु हैं। 2 अक्टूबर 2023 को रजोखर अवस्थित पक्की सड़क के किनारे मादक पदार्थों के तस्करों के द्वारा पैसे के आदान प्रदान की गुप्त सूचना के आधार पर भागने के क्रम में अभियुक्त कोनेंन आलम, पिता शाहिद आलम, साकिन चकरदह वार्ड नं-09, आरएस को झोले के साथ रंगेहाथों पकड़ा था। जिसमे बंगाल का एक कारोबारी भाग गया था। समान रजोखर के छोटू उर्फ शोहराब एवं नन्हा उर्फ शहनवाज के द्वारा मंगवाया गया था। उसी गैंग का जीरो माइल पर मीट दुकान चलाने वाला सलाम का जिक्र लाइनर के रूप में आया था। उसी के निशानदेही पर अन्य अभियुक्तों की छापेमारी कर 8 लाख से अधिक नगद राशि को स्मैक के साथ बरामद किया गया था। इसके अलावा पाँच सौ रुपये का 4 बंडल, दो सौ रुपये का 43 पीस और सो रुपये का 714 पीस नोट भी बरामद किया गया था। नोटों को लेकर रजीना खातून की ओर से न्यायालय में दावा कर नोटों को मुक्त करने के लिए आवेदन उनके अधिवक्ता ने दी थी। जिसे न्यायालय ने पत्र संख्या 282/2024,दिनाँक -20.02.2024 को जारी कर जबाब समर्पित करने का आदेश किया था। परंतु थानाध्यक्ष ने अपनी लापरवाही और कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते हुए कोई जबाब नहीं दिया। तब न्यायालय ने उनके विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा – 349 के अंतर्गत क्यों नहीं कार्यवाही की जाए और सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी किया ।