सुपौल: एस.आर. शिक्षा सम्राट स्कूल में धूमधाम से मनाया गया बसंत उत्सव 2025

न्यूज डेस्क सुपौल:

जिले के सिमराही नगर पंचायत स्थित एस.आर. शिक्षा सम्राट स्कूल, गांधीनगर में बसंत उत्सव 2025 का भव्य आयोजन पूरे हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर को पारंपरिक और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था, जिससे बसंत ऋतु के आगमन का उल्लास स्पष्ट झलक रहा था। विद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं और अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक इस सांस्कृतिक महोत्सव में भाग लिया।

मां सरस्वती की आराधना से हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा-अर्चना से हुआ, जहां विद्यार्थियों और शिक्षकों ने ज्ञान, बुद्धि और विवेक की देवी से आशीर्वाद मांगा। वेदमंत्रों और सरस्वती वंदना के साथ माहौल भक्तिमय हो उठा।

मुख्य अतिथियों के रूप में उपस्थित पूर्व आईआरएस बैद्यनाथ मेहता, विद्यालय के चेयरमैन महादेव मेहता, प्रबंध निदेशिका अल्पना मेहता एवं अकादमिक निदेशक राजा रवि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। विद्यालय के चेयरमैन महादेव मेहता ने कहा बसंत ऋतु न केवल प्रकृति का उत्सव है, बल्कि यह नई ऊर्जा, नए विचार और सकारात्मकता का प्रतीक भी है। विद्यालय परिवार के इस भव्य आयोजन में आप सभी की उपस्थिति इसे और खास बना रही है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम बना आकर्षण का केंद्र

विद्यालय के वार्षिक उत्सव बसंत उत्सव 2025 का मुख्य आकर्षण सांस्कृतिक संध्या रही, जिसमें विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसके बाद एक के बाद एक मनमोहक नृत्य, नाटक और गीत प्रस्तुत किए गए।

रावण वध और महाकाली का मंचन – विद्यार्थियों ने रामायण के प्रसिद्ध प्रसंग ‘रावण वध’ को सजीव रूप में प्रस्तुत किया, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इसके अलावा, महाकाली द्वारा रक्तबीज संहार का मंचन अद्भुत रहा, जिसमें कलाकारों के हावभाव और संवादों ने माहौल को जीवंत कर दिया।

मिथिला की सांस्कृतिक झलक – स्थानीय संस्कृति को दर्शाते हुए झिझिया और जट-जटिन नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

श्रद्धांजलि स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को – बिहार की प्रख्यात गायिका स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि स्वरूप विद्यार्थियों ने उनके लोकप्रिय गीतों का मंचन किया।

सामूहिक नृत्य और एकांकियों के माध्यम से संदेश – पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ भारत अभियान, राष्ट्रभक्ति और बुजुर्गों के प्रति सम्मान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुतियां दी गईं, जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।

विद्यालय के निदेशकों ने साझा किए विचार

विद्यालय के अकादमिक निदेशक राजा रवि ने विद्यालय के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि संस्कारों का संगम है। हमें गर्व है कि हम विद्यार्थियों को एक श्रेष्ठ नागरिक के रूप में तैयार कर रहे हैं।

वहीं, प्रशासनिक निदेशक एवं प्राचार्य किसलय रवि ने विद्यालय की शिक्षा प्रणाली और आधुनिक सुविधाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम छात्रों को उच्च स्तरीय शिक्षा और संस्कार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा उद्देश्य केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना है।

इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में गौरव कुमार, काजल राउत, रंजीत लामा ने कोरियोग्राफी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जबकि राकेश मिश्रा, कृष्णा गुप्ता, शंकर यादव, अर्जुन कुमार, सुधांशु वर्मा, रमेश मुखिया, आनंद कुमार सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं स्टाफ ने अपनी मेहनत और लगन से कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्राचार्य किसलय रवि ने सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, इस आयोजन के माध्यम से हमने न केवल बसंत ऋतु का स्वागत किया, बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजा। हम आगे भी इसी उत्साह और ऊर्जा के साथ शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन करते रहेंगे।

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