



News Desk:
नेपाल से सोशल मीडिया जगत को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (NTA) ने मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम), एक्स (पूर्व में ट्विटर) समेत कुल 26 सोशल मीडिया वेबसाइटों को तत्काल प्रभाव से नेपाल में ब्लॉक करने का आदेश दिया है।

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र ठाकुर ने एएनआई से बातचीत में बताया कि मंत्रालय ने इन सभी कंपनियों को पहले ही नेपाल में रजिस्ट्रेशन कराने का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन तय समयसीमा तक कंपनियों ने नियमों का पालन नहीं किया, जिसके बाद गुरुवार दोपहर हुई अहम बैठक में इन्हें ब्लॉक करने का निर्णय लिया गया।
टिकटॉक और वाइबर को मिली मंजूरी
मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि टिकटॉक, वाइबर और तीन अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म को फिलहाल काम करने की अनुमति दी गई है, क्योंकि उन्होंने नेपाल सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन कराया है और स्थानीय स्तर पर संपर्क केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी की है।
सरकार लाई बिल
नेपाल सरकार ने हाल ही में संसद में एक नया विधेयक भी पेश किया है। इस विधेयक का उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर उचित प्रबंधन, जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। हालांकि, इस पर संसद में पूरी बहस अभी बाकी है। सरकार चाहती है कि नेपाल में काम करने वाले सभी प्लेटफार्म अपने देश में एक संपर्क कार्यालय या केंद्र स्थापित करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में कार्रवाई की जा सके।
अधिकारियों का बयान
अधिकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए कड़े कानून की जरूरत है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्लेटफार्म संचालक और उपयोगकर्ता दोनों ही अपने द्वारा शेयर की गई सामग्री के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह हों।
नेपाल में फेसबुक का क्रेज
एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल में 56.3 प्रतिशत पुरुष और 43.7 प्रतिशत महिलाएं फेसबुक का इस्तेमाल करती हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या 18 से 24 वर्ष के युवाओं की है, जिनकी हिस्सेदारी 36 प्रतिशत है। इसके अलावा 25 से 34 वर्ष की उम्र के 33 प्रतिशत लोग फेसबुक यूज करते हैं, जबकि 35 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 17.1 प्रतिशत लोग इस प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं।
नेपाल सरकार का यह कदम सोशल मीडिया कंपनियों पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह फैसला नेपाल ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में भी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए मानक तय कर सकता है।