



News Desk Patna:
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ अंतिम चरण में पहुँच गई हैं। मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम लगभग पूरा हो चुका है और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग दशहरे के बाद राज्य का दौरा कर चुनावी तैयारियों का जायजा लेगा और उसके बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है।
दो चरणों में कराने की योजना
चुनाव आयोग सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जा सकते हैं। मतदान की संभावित तिथियाँ 2 नवंबर से 10 नवंबर के बीच रखी जा सकती हैं। परिणाम 15 नवंबर से पहले घोषित कर दिए जाएंगे, ताकि 22 नवंबर को समाप्त हो रहे विधानसभा के मौजूदा कार्यकाल से पहले नई सरकार का गठन हो सके। 2020 के विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे, लेकिन इस बार आयोग ने त्योहारों के कारण चुनाव को केवल दो चरणों में सीमित करने की तैयारी की है।
त्योहारों के बाद चुनाव कराने की वजह
अगले महीने राज्य में दशहरा, दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्व पड़ रहे हैं। आयोग का मानना है कि यदि चुनाव इन त्योहारों के बीच या बहुत बाद में कराए गए तो बाहर से त्योहार पर घर आए लोगों का मतदान प्रभावित हो सकता है। यही वजह है कि आयोग छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने की योजना बना रहा है, ताकि प्रवासी बिहारी भी मतदान में भाग ले सकें। राजनीतिक दल भी इस प्रस्ताव के पक्ष में बताए जा रहे हैं।
मतदाता सूची में सुधार का असर
एसआईआर के तहत मतदाता सूची से मृत व्यक्तियों, स्थायी रूप से विस्थापित लोगों और डुप्लीकेट नामों को हटा दिया गया है। चुनाव आयोग को उम्मीद है कि इस बार चुनाव में मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में राज्य में लगभग 57% मतदान हुआ था। चुनाव आयोग का मानना है कि इस बार सुधारित सूची और बेहतर प्रबंधन से मतदान का प्रतिशत और अधिक हो सकता है।
जल्द होगा चुनाव कार्यक्रम घोषित
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग 7 अक्टूबर के आसपास बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक तारीखों की घोषणा कर सकता है। उसके बाद राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी और राजनीतिक गतिविधियाँ और भी तेज हो जाएँगी।