रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
अररिया सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह पोक्सो मामले के स्पेशल जज अजय कुमार की अदालत ने तीन साल पहले नाबालिग से हुए दुष्कर्म मामले में आरोपी फिरोज अंसारी को दस साल कारावास की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने सजा के तौर पर दोषी को 50 हजार रूपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया। सरकार की ओर से पोक्सो मामले के स्पेशल लोक अभियोजक श्यामलाल यादव ने बताया कि 50 हजार रूपये की अतिरिक्त जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर आरोपी को तीन माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।
मामला सिकटी के बरदाहा ओपी थाना क्षेत्र से जुड़ा है। मामले में पीड़िता के पिता द्वारा महिला थाना में कांड संख्या 37/2020 दर्ज करवाया गया था। घटना 2020 के 20 मई की रात्रि 12 बजे की है। जहां जिले के बरदाहा ओपी थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 11 के निवासी 23 वर्षीय फिरोज आलम पिता याकूब आलम ने सूचक के घर में टट्टी फांदकर घर में प्रवेश करते हुए 14 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। स्पेशल पीपी ने बताया कि स्पीडी ट्रायल के मामले में तेजी लाने के उद्देश्य से कोर्ट में एसपी के माध्यम से संचालित अभियोजन टीम के सिपाही गौतम कुमार और धर्मवीर पासवान के प्रयास से न्यायालय में गवाही दिलवाई गई जिसमे सभी गवाहों ने घटना के पक्ष में अपनी गवाही दी। गवाहों के बयानों से संतुष्ट होने के बाद कोर्ट ने आरोपी फिरोज अंसारी को दोषी पाया और सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए पोक्सो मामले स्पेशल लोक अभियोजक श्यामलाल यादव ने आरोपी को आजीवन कारावास दिए जाने की मांग की। जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कम से कम सजा देने की गुहार न्यायालय से की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने दोषी फिरोज अंसारी को दस साल की सजा और 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाया।