न्यूज डेस्क: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लंबे समय से छात्रों की समस्याओं को दरकिनार किए जाने व छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होने के मामले में शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये के विरोध में 18 सूत्री मांग को लेकर आंदोलन किया गया। आंदोलन के क्रम में बिहार पुलिस द्वारा विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज किया गया, जिसमें 13 छात्र घायल हुए हैं। प्रदर्शन में शामिल बिहार की बेटियों के साथ भी पुलिस ने बदसलूकी की है।
बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 18 सूत्री मांग को लेकर आंदोलन विश्वविद्यालय सीनेट बैठक के दौरान किया जा रहा था। आंदोलनरत छात्रा-छात्रों पर बिहार पुलिस ने लाठीचार्ज किया तथा हिंसा की।
18 सूत्री मांग में मुख्य रूप से छात्रसंघ चुनाव की तिथि अविलंब घोषित करने, महाराजा कॉलेज में लॉ की पढ़ाई शीघ्र शुरू करने, विश्वविद्यालय में शिक्षकों व कर्मचारियों की कमी पूरी करने, लंबित परीक्षाओं की तिथियां शीघ्र घोषित करने व परीक्षा परिणाम में आई त्रुटियों को ठीक करने, विद्यार्थियों के लिए नए छात्रावासों का निर्माण करवाने आदि विषय को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध विद्यार्थी परिषद का यह आंदोलन हो रहा है।
उक्त जानकारी देते हुए अभाविप बिहार के प्रदेश मंत्री अभिषेक यादव ने कहा कि वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी आरा में सीनेट बैठक के दौरान छात्र हितों की 18 सूत्रीय मांग को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज करना बिहार सरकार का अत्यंत निंदनीय और तानाशाही कृत्य है। कहा कि नीतीश कुमार के कुशासन के कारण बिहार में शिक्षा क्षेत्र की हालत प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है। बिहार सरकार, पुलिस की लाठी का दुरुपयोग छात्रों, युवाओं, महिलाओं सहित बिहार की जनता की आवाज दबाने के लिए कर रही है।
वहीं अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि बिहार की वर्तमान सरकार युवाओं की आशाओं को कुचलने का काम कर रही है। कहा कि विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम समय से पूरे नहीं हो रहे, तीन वर्षीय कोर्स पांच से छः वर्षों में पूरे हो रहे हैं। हर तरफ पलायन की स्थिति बनी हुई है, लेकिन राज्य सरकार सोई हुई है। छात्रों-युवाओं की उचित मांगों पर पुलिस लाठीचार्ज कर रही है, बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की मांग को लेकर विद्यार्थी परिषद का आंदोलन और अधिक तेज होगा।