सुपौल: ईपीएफ भुगतान को लेकर सिमराही नगर पंचायत में सफाई कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, स्वच्छता व्यवस्था ठप

न्यूज डेस्क सुपौल:

सिमराही नगर पंचायत के सफाई कर्मियों ने अपनी लंबित मजदूरी और ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) राशि के भुगतान की मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। सफाई कर्मियों ने नगर पंचायत कार्यालय के मुख्य द्वार पर शांतिपूर्ण धरना भी दिया है। इस हड़ताल के कारण नगर क्षेत्र में चारों ओर कूड़े-कचरे का ढेर लग गया है, जिससे स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्या है सफाई कर्मियों की मांगें

सफाई कर्मियों ने बताया कि जब से नगर पंचायत का गठन हुआ है, वे नगर क्षेत्र में सफाई का कार्य लगातार कर रहे हैं। वे पहले एक निजी सफाई एजेंसी के तहत काम कर रहे थे, लेकिन 1 अक्टूबर 2023 से 1 जून 2024 तक नगर पंचायत ने विभागीय स्तर से सफाई का कार्य करवाया। इस दौरान उनकी दैनिक मजदूरी से ईपीएफ की राशि नियमित रूप से काटी गई, लेकिन अब तक यह राशि उनके खातों में जमा नहीं की गई है।

इसके अलावा, दिसंबर माह की मजदूरी भी सफाई एजेंसी द्वारा अब तक भुगतान नहीं की गई है। सफाई कर्मियों का कहना है कि उन्होंने कई बार लिखित और मौखिक रूप से अपनी समस्याओं को नगर प्रशासन के समक्ष रखा, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला।

हड़ताल का असर

सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण नगर क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। सड़कों और गलियों में कूड़े-कचरे का अंबार लग गया है, जिससे स्थानीय नागरिकों को दुर्गंध और अस्वच्छता का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छता के अभाव में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की आशंका भी बढ़ गई है।

प्रदर्शनकारियों की मांग और चेतावनी

धरने पर बैठे सफाई कर्मियों का कहना है कि वे तब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। उन्होंने नगर प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि हड़ताल के दौरान कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। सफाई कर्मियों ने स्पष्ट किया है कि वे अपने परिवारों के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।

स्थानीय प्रशासन और एजेंसी पर आरोप

सफाई कर्मियों ने नगर पंचायत की कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) वीणा वैशाली पर मनमानी और संवादहीनता का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि ईओ ने न तो उनकी समस्याओं का समाधान किया और न ही उनसे संवाद स्थापित किया। दूसरी ओर, सफाई एजेंसी संचालक रंजीत सिंह ने बताया कि ईपीएफ का मुद्दा उनके समय का नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि एजेंसी का भुगतान चार महीने से लंबित है, जिसके कारण वे दिसंबर महीने की मजदूरी का भुगतान करने में असमर्थ हैं।

मुख्य पार्षद का बयान

नगर पंचायत सिमराही की मुख्य पार्षद यशोदा देवी ने सफाई कर्मियों की मांगों को जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि ईओ की मनमानी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। यशोदा देवी ने आरोप लगाया कि ईओ न तो बोर्ड के फैसले मानती हैं और न ही किसी प्रतिनिधि की बात सुनती हैं। उन्होंने ईओ पर नगर क्षेत्र में अवैध उगाही करने और विकास कार्यों को ठप करने का भी आरोप लगाया।

स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया

स्थानीय नागरिकों ने सफाई कर्मियों की समस्याओं के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है। उनका कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए। नागरिकों ने बताया कि कचरे के ढेर के कारण दुर्गंध और गंदगी से वे परेशान हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि सफाई कर्मियों की मांगों को पूरा कर नगर क्षेत्र की स्वच्छता व्यवस्था बहाल की जाए।

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