आयुष तिवारी/कानपुर. कानपुर के नवाबगंज में बने भगवान भोलेनाथ के शिव मंदिर के बारे में कई तरह के दावे किए जाते हैं. भक्त दावा करते हैं कि यहां शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है. जागेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग सुबह के वक्त ग्रे रंग का दिखाई देता है, जबकि दिन में ब्राउन रंग का और रात के वक्त इस शिवलिंग का रंग पूरी तरह से जेड ब्लैक दिखाई देता है. श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का इसे चमत्कार मानते हैं और मान्यता है कि यह शिवलिंग पूरी तरह से जाग्रत अवस्था में है. वहीं इस मंदिर की स्थापना के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.
मंदिर के पुजारी पंडित गोपाल शुक्ला बताते हैं कि करीब 300 साल पहले जग्गा मल्लाह किसान की एक गाय ने अचानक से दूध देना बंद कर दिया था. व किसान परेशान हो गया. जिसके बाद उसने एक दिन गाय का पीछा किया. जग्गा मल्लाह जब गाय के पीछे गया तो देखा वह वह एक टीले पर अपना सारा दूध गिरा रही है. इस चमत्कार को देखकर उससे रहा नहीं गया और उसने जाकर सभी गांव वालों को इस घटना के बारे में बताया. गांव वालों ने जग्गा मल्लाह की बात पर सच का पता लगाने के लिए उस जगह पर खुदाई शुरू की.
ऐसे हुई थी मन्दिर की स्थापना
कहा जाता है कि गाय जिस जगह पर दूध गिरा रही था उस जगह पर किसानों ने खुदाई की शुरुआत की. मंदिर की खुदाई के वक्त वहां पर एक शिवलिंग मिला. इस शिवलिंग में खुदाई के दौरान खुरपी लग गई थी जिसका निशान आज भी शिवलिंग पर बना हुआ है. जब मंदिर की स्थापना हुई तो जग्गा मल्लाह बाबा भोलेनाथ का बहुत बड़ा भक्त बन गया. जिसकी वजह से इस मंदिर का नाम जागेश्वर मंदिर पड़ा.यह मंदिर पुराना कानपुर के नवाबगंज में बना है.
लगता है ऐतिहासिक मेला
मंदिर के पुजारी बताते है कि शिवलिंग पूरी तरह से जाग्रत अवस्था में है. इतना ही नहीं यह दिन में तीन बार रंग भी बदलता है. इस चमत्कार को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पर पहुंचते हैं. वहीं सावन में यहां पर ऐतिहासिक मेला भी लगता है.
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FIRST PUBLISHED : August 12, 2023, 16:48 IST