अहमदाबाद. भारत-पाकिस्तान सीमा गुजरात सेक्टर की अंतिम बीएसएफ आउटपोस्ट कोटेश्वर बीएसएफ आउटपोस्ट पर गृहमंत्री अमित शाह ने पहुंचकर जवानों का हौसला बढ़ाया. उन्होंने इस दौरान जवानों से मुलाकात की और उनकी जरूरतों और सुविधाओं पर बात की. अमित शाह के साथ गृह सचिव भी मौजूद थे. उन्होंने बीएसएफ के आला अधिकारियों के साथ तटीय सुरक्षा मजबूत करने पर मंत्रणा की. इस चौकी को सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम माना जाता है और अमित शाह के दौरे को रणनीतिक तैयारी माना जा रहा है.
कोटेश्वर भारत-पाकिस्तान सीमा की अंतिम बीएसएफ आउटपोस्ट है. इसके पीछे समुद्र है, जिससे 50 किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान का सिंध प्रांत पड़ता है और दूसरी ओर आउटपोस्ट है. बीएसएफ के अलावा गुजरात पुलिस के जवान यहां सुरक्षा में तैनात रहते हैं. जवानों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से कई तरीके का चैलेंज बना रहता है. उनका कहना है कि मछुआरे भारतीय सीमा में घुस जाते हैं, जिसके बाद उनसे बीएसएफ की मदद से पूछताछ की जाती है. फिर भारतीय कानून के मुताबिक उन्हें पाकिस्तान वापस भेजा जाता है.
रावण से जुड़ा है यहां कोटेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास
कोटेश्वर चौकी भारत पाकिस्तान सीमा गुजरात सेक्टर में पड़ती है और इसको सर क्रीक इलाका भी कहा जाता है. बीएसएफ की बार्डर आउटपोस्ट के पास पौराणिक कोटेश्वर महादेव मंदिर भी है. यहां ये मान्यता है कि रावण ने जब भगवान शिव से अजेय होने का वरदान मांगा था तो ब्रह्माजी ने रावण को यहीं रोका था. इसके बाद शिवलिंग को यहीं पर स्थापित किया गया.
1966 में बनी थी यह चौकी
इस चौकी को 1966 में बनाया गया था और कुछ सालों पहले इसे एक कंपोजिट की चौकी की शक्ल दे दी गई है. यानी कि आसपास की छोटी चौकियों को जरूरत पड़ने पर हर जरूरत का सामान इस चौकी से मुहैया करवाया जा सके और बेहतर तरीके से भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित समुद्री सेक्टर की निगरानी की जा सके.
कई मायनों में अहम है गृहमंत्री का दौरा
गृहमंत्री अमित शाह का या दौरा न केवल बीएसएफ के जवानों का हौसला बढ़ाएगा बल्कि समुद्री तट पर मोदी सरकार किस तरीके से अहमियत दे रही है, उनकी सुरक्षा को लेकर भी भावी रणनीति बनाएगी.
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FIRST PUBLISHED : August 12, 2023, 18:53 IST