सुपौल: पिपरा के खाजा को जीआई टैग दिलाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने शुरू की पहल

रिपोर्ट: अमरेश कुमार|सुपौल

कई दशकों से कोसी सीमांचल और मिथिलांचल के इलाके में मसहूर पिपरा बाजार के खाजा मिठाई को राष्ट्रीय और अंतरार्ष्ट्रीय पटल पर लाने के लिए कृषि विश्व विद्यालय सबौर द्वारा पहल शुरू की गयी है। कृषि विश्व विद्यालय सबौर द्वारा खाजा को जीआई टैग दिलाने की दिशा में लगातार कई महीनों से इस दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।

इसी कड़ी में सबौर कृषि विश्व विद्यालय द्वारा गठित एक टीम पिपरा बाजार पहुंचे जहां उन्होंने पिपरा में खाजा बनाने का व्यवसाय करने वाले कई दुकानदारों से मिला और खाजा मिठाई को लेकर कई अहम जानकारी ली। कहा कि खाजा को लेकर अध्ययन किया जा रहा है। ताकि खाजा को राष्ट्रीय और अंतरार्ष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाया जा सके। इसकी ब्रांडिंग की जा सके।

मौके पर मौजूद टीम के कहा कि दुकानदारों और कारीगरों से खाजा को लेकर जानकारी इकट्ठा किया गया है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी और उसके बाद जीआई टैग के लिए अप्लाई की जाएगी। ताकि खाजा को जीआई टैग मिल सके। टीम में कृषि के विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर तुसार रंजन, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक मिथिलेश राय और नदीम अख्तर सहित अन्य शामिल थे।

मालूम हो कि पिपरा प्रखंड के पिपरा बाजार का खाजा मिठाई दशकों से इलाके में काफी मसहूर है। पिपरा में दर्जनों दुकानदार इस खाजा बनाने के रोजगार से जुड़े हुए हैं। पिपरा का खाजा इतना मसहूर है की पिपरा से गुजरने वाले दूर दराज के तमाम लोग पिपरा में रुककर पिपरा के खाजा का स्वाद जरूर चख लेते हैं। राजनेता से अभिनेता तक पिपरा के खाजा का स्वाद चख चुके हैं।

Leave a Comment

[democracy id="1"]