न्यूज़ डेस्क सुपौल:
कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से स्थिति गंभीर होती जा रही है। कोसी बराज पुल पर पानी चढ़ने के बाद नेपाल प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तत्परता दिखाते हुए पुल पर आवागमन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। बाढ़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन सतर्क है और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं।
नेपाल प्रशासन के इस कदम के बाद, बिहार के सुपौल जिले में भी उच्चस्तरीय अलर्ट जारी किया गया है। जिला प्रशासन लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहा है। अभियंता और तकनीकी विशेषज्ञ दिन-रात सभी स्पर और तटबंधों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि कोई भी ढांचा कमजोर न हो और बाढ़ का खतरा टाला जा सके।
सुपौल प्रशासन के अनुसार, शाम 6 बजे तक कोसी बराज से 5,67,760 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है। यह अत्यधिक पानी छोड़े जाने से नदी के किनारे स्थित इलाकों में खतरा बढ़ गया है। विशेषकर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधान किया जा रहा है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
हालांकि एक राहत की बात यह है कि बराह क्षेत्र, जो इस क्षेत्र में जलस्तर के निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, वहां अभी कोसी नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। इससे फिलहाल बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए थोड़ा समय मिल गया है, लेकिन प्रशासनिक सतर्कता कम नहीं हुई है।
कोसी क्षेत्र में बाढ़ का खतरा सदियों से बना रहा है, और कोसी नदी को “बिहार का शोक” भी कहा जाता है। हर साल भारी बारिश के दौरान जलस्तर में बढ़ोतरी होती है, जिससे तटबंधों पर दबाव बढ़ जाता है। इस बार भी स्थिति को गंभीरता से लिया जा रहा है, और प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जनता से भी अपील की जा रही है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। विशेष रूप से निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है, ताकि जानमाल की हानि न हो।