



न्यूज डेस्क पूर्णिया:
जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के टेटागामा गांव में अंधविश्वास की भयावह घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया है। झाड़-फूंक और ओझा-गुनी विवाद को लेकर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। हैवानियत की हद पार करते हुए हत्यारों ने शवों को जलाकर सबूत मिटाने का प्रयास किया।
मृतकों की पहचान बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, मां मो कातो, बहू रानी देवी और बेटे मनजीत कुमार के रूप में हुई है। घटना की सूचना पर पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और पूरे गांव में छानबीन शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि हत्या में गांव के ही कुछ लोगों का हाथ है, जिनमें चार को मुख्य आरोपी बताया गया है।
डॉग स्क्वायड और एफएसएल टीम की मदद
पुलिस ने शवों की बरामदगी के लिए डॉग स्क्वायड की मदद ली। चार शवों के बरामद होने की पुष्टि हुई है, जबकि अन्य साक्ष्यों को खंगाला जा रहा है। फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए हैं।
तीन आरोपी हिरासत में, विशेष टीम गठित
पूर्णिया एसपी स्वीटी सहरावत ने घटनास्थल का जायजा लिया और बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम का गठन कर अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश तेज कर दी गई है। मुफ्फसिल थानाध्यक्ष उत्तम कुमार ने बताया कि तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की जा रही है।
ग्रामीणों में दहशत, बोलने से कतरा रहे लोग
घटना के बाद पूरे गांव में डर और सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतकों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि इस वारदात में पूरा गांव किसी न किसी रूप में शामिल रहा। हालांकि भय के माहौल में ग्रामीण कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
क्या था अंधविश्वास का कारण
पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि झाड़-फूंक के विवाद और अंधविश्वास के चलते उरांव समुदाय के ही कुछ लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया। हत्या के पीछे टोना-टोटका और ओझाई करने को लेकर फैले भ्रम को वजह बताया जा रहा है।