



न्यूज डेस्क सुपौल:
आजादी के 78वें वर्षगांठ के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, सिमराही के तत्वावधान में रविवार को परमात्मा अनुभूति संग्रहालय प्रांगण में स्नेहमिलन एवं ‘एक पेड़ मां के नाम’ वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाज के अनेक प्रबुद्धजन, सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए।
अपने संबोधन में राजयोगिनी बबीता दीदी ने कहा कि “मानव जीवन का अस्तित्व वृक्षों पर निर्भर है। ऑक्सीजन और पानी हमारी जीवन-रेखा हैं और वनस्पति ही ऑक्सीजन का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने हमें वृक्षारोपण और संरक्षण के महत्व को गहराई से समझाया है। यदि हम पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना चाहते हैं, तो बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण आवश्यक है।” उन्होंने देव-वृक्ष पीपल और बरगद की घटती संख्या, बढ़ते कार्बन डाइऑक्साइड स्तर, ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रत्येक नागरिक से कम-से-कम एक पेड़ लगाने की अपील की।

वहीं भाजपा के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सचिन माधोगड़िया ने कहा कि एक आदर्श समाज में नैतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्य प्रमुख होते हैं। “मूल्य शिक्षा ही जीवन को सशक्त, सकारात्मक और विकसित बनाती है। वर्तमान समय में युवाओं को नकारात्मकता, तनाव, व्यसनों और विकारों से मुक्त करने के लिए आध्यात्मिकता आधारित शिक्षा की आवश्यकता है,” उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत आयोजित यह कार्यक्रम सभी जगह चलाया जा रहा है। जिसके तहत लोग एक पेड़ अपने मां के नाम लगा रहे है।
भाजपा के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य बैद्यनाथ भगत ने अपने संबोधन में कहा, “आध्यात्मिकता ही सद्गुणों का स्रोत है। जब तक हम जीवन में आध्यात्मिकता को नहीं अपनाते, तब तक मानवीय नैतिक मूल्यों का विकास संभव नहीं है। मूल्य ही जीवन की सुंदरता और श्रेष्ठ चरित्र का आधार हैं।” उन्होंने युवाओं से अच्छे साहित्य पढ़ने, बड़ों की आज्ञा मानने और बुरी संगति से दूर रहने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में स्थानीय प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी बबीता दीदी, अरुण जायसवाल, ब्रह्माकुमारी पूजा बहन, साक्षी बहन तथा ब्रह्माकुमार किशोर भाई समेत कई गणमान्य अतिथियों ने एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण किया।