इंडो–नेपाल सीमा पर सीमा स्तंभों की मरम्मत और रंगाई कार्य शुरू, दोनों देशों के अधिकारियों ने किया शुभारंभ

News Desk Supaul:

इंडो–नेपाल सीमा क्षेत्र में सीमा स्तंभों के रखरखाव को लेकर नेपाल अधिनियम–2080 के तहत बुधवार को शैलेशपुर बॉर्डर पिलर संख्या 205/7 की मरम्मत और रंगाई कार्य की औपचारिक शुरुआत कर दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ सुनसरी जिले के सीडीओ वासुदेव धिमरे और वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार ने संयुक्त रूप से एक सीमा स्तंभ पर रंगाई कर किया।

बता दें कि इंडो–नेपाल सीमा की कुल लंबाई 61.9 किलोमीटर है, जहां 290 सीमा स्तंभ स्थापित हैं। इनमें 30 मुख्य, 139 सहायक, 119 लघु और 2 संदर्भ स्तंभ शामिल हैं। इनमें से 23 स्तंभ क्षतिग्रस्त पाए गए थे, जिन्हें तत्काल मरम्मत की आवश्यकता थी।

नेपाल अधिनियम–2080 के अनुसार विषम संख्या वाले स्तंभों की मरम्मत एवं रंगाई का कार्य नेपाल करेगा, जबकि सम संख्या वाले स्तंभों की जिम्मेदारी भारत की होगी। भारत की ओर से मरम्मत योग्य 131 स्तंभों में से 81 स्तंभों की मरम्मत अब तक पूरी कर ली गई है। वहीं नेपाल की ओर से 133 विषम स्तंभों की रंगाई और जीर्णोद्धार किया जाना है।

कार्यक्रम के दौरान एसडीएम वीरपुर नीरज कुमार ने बताया कि इंडो–नेपाल सीमा स्तंभों का वार्षिक मेंटेनेंस नियमित रूप से किया जाता है। विषम स्तंभों की देखरेख नेपाल के एपीएफ द्वारा और सम स्तंभों का मेंटेनेंस भारत के एसएसबी के द्वारा किया जाता है।

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सुनसरी सीडीओ वासुदेव धिमरे ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा स्तंभों का नियमित मरम्मत एवं रखरखाव किया जाता है, ताकि सीमा प्रबंधन सुचारू रहे। उन्होंने बताया कि सुनसरी जिले में नेपाल द्वारा कुल 131 विषम पिलरों का रंग-रोगन किया जाएगा।

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