रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
अररिया-गलगालिया नई रेल लाइन में खवासपुर रेलवे स्टेशन से फारबिसगंज को जोड़ने को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन से एक नई आशा की किरण जगी है। लंबे समय से संघर्षरत खवासपुर-फारबिसगंज रेल संपर्क निर्माण संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ एमपी प्रदीप कुमार सिंह और रेलवे के वरीय अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग से यह आशा की किरण जगी है। अब आशा की एक नई किरण का संचार हुआ है।पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, मालीगांव के महाप्रबंधक निर्माण एस के पांडेय और अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह के साथ हुई बैठक में सांसद ने इस नए बाईपास रेल लाइन के निर्माण हेतु महाप्रबंधक को सर्वेक्षण कराए जाने का निर्देश दिया गया।जिस पर उन्होंने शीघ्र ही इसका सर्वेक्षण कराये जाने की औपचारिकता पूरी करने के लिए आश्वस्त किया है।
उल्लेखनीय हो कि निर्माणाधीन रेल लाइन खवासपुर से अररिया आरएस फारबिसगंज होते हुए दरभंगा एवं सहरसा के रास्ते उत्तरी भारत को जोड़ेगी। खवासपुर से फारबिसगंज के बीच यदि वाई लेग बना करके एक बाईपास लाइन बना दी जाती है तो खवासपुर से फारबिसगंज तक की दूरी लगभग 35 किलोमीटर कम हो जाएगी जो आकस्मिक स्थिती मे एक वैकल्पिक रेल मार्ग के रूप में भी काफी उपयोगी साबित होगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में निर्माण विभाग के मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी आर.के सिंह, मुख्य अभियंता अजय प्रधान, उपमुख्य अभियंता जितेंद्र कुमार के अलावा सांसद के रेल प्रतिनिधि सह डीआरयूसीसी सदस्य बिनोद सरावगी, सांसद प्रतिनिधि संजय मिश्रा, रेल संघर्ष समिति के अध्यक्ष मांगीलाल गोलछा एवं बरिष्ठ सदस्य आजाद शत्रु अग्रवाल उपस्थित थे ।