न्यूज़ डेस्क सुपौल:
लगातार हो रहे विकास में सुगम यातायात ही विकास का रास्ता माना जाता रहा है। चुनाव में भी नेताओं द्वारा वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए सड़कों की बात कर लोगों का दिल जीतना चाहते हैं। लेकिन जिले की हृदयस्थली कहे जाने वाले सिमराही बाजार पिछले कई वर्षों से जाम के झाम में फंसा है। यहां अगल बगल में लाखों की आबादी है। प्रतिदिन करीब हजारों की संख्या में विभिन्न व्यापार के लिए सिमराही बाजार छोटी-बड़ी वाहन आते रहते हैं। एनएच 57 एवं एनएच 106 को जोड़ने वाला जेपी चौक अतिक्रमण और ट्रैफिक व्यवस्था के सुदृढ़ नहीं रहने के कारण यहां की सड़कों पर हमेशा जाम का नजारा देखने को मिलता है।
दरअसल, मंगलवार को सिमराही बाजार लगभग पूरा दिन जाम से त्रस्त रहा। दोपहर 1 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक एनएच 57 एवं एनएच 106 के दोनों तरफ लम्बा जाम लगा रहा। जाम इतना भयानक था कि एनएच 57 के दोनों और करीब 5 किलोमीटर व एनएच 106 के दोनों और करीब 3 किलोमीटर लम्बा जाम लगा रहा। जाम लगने के वजह से राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं बुधवार को सरस्वती पूजा को लेकर खरीदारी करने वाले व मूर्ति ले जा रहे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि जाम हटाने के लिए राघोपुर थानाध्यक्ष नवीन कुमार समेत लगभग आधा दर्जन पुलिस बल दोपहर से रात तक मुस्तेद दिखे। इस दौरान जाम हटाने में पुलिस का पसीना छूट गया।
बता दे कि सिमराही बाजार से हजारों की संख्या में भारी वाहन बस 22 चक्का वाला ट्रक देश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे सिलचर से पोरबंदर, पड़ोसी देश नेपाल से बिहार सहित कई राज्यों के लिए गुजरती है। लेकिन सिमराही बाजार को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए अब तक कोई ठोस और कारगर कदम नहीं उठाया गया है। जो भी कार्रवाई हुई है वह ढाक के तीन पात साबित हुई है।
सड़क के दोनों किनारे अतिक्रमणकारियों का है कब्जा
अतिक्रमण से बाजार की सड़कें भी अछूती नहीं है न ही सड़क के किनारे नाले का निर्माण पूर्ण नहीं किया गया है। दिनों दिन सड़कें सिकुड़ती जा रही है जिससे जाम की समस्या और दुर्घटना की आशंका बन जाती है। सड़क के किनारे पानी की निकासी के लिए बनाए गए आधे अधूरे नालों पर भी लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। पार्किंग एवं ट्रैफिक सिस्टम की व्यवस्था नहीं रहने से हमेशा जाम लगती है।
जानकारी अनुसार सिमराही बाजार में सैकड़ों बस, सैकड़ों की संख्या में टेम्पू, ई-रिक्शा, पिकअप वैन, भारी ट्रक और अन्य वाहनों का प्रवेश होता है। यहां ना ही कोई बस पड़ाव है और ना ही पार्किंग की व्यवस्था। जिसके चलते सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर यात्री को उतारते-चढ़ाते हैं और वहीं सड़कों पर ही गाड़ी खड़ी कर लोग बाजार में खरीदारी भी करते हैं। शहर में जाम के लिए सिर्फ प्रशासनिक अमला ही जिम्मेदार नहीं है। नगर के बुद्धिजीवियों का कहना है कि सड़क जाम के निजात के लिए पुलिस-प्रशासन को आगे कदम बढ़ाना होगा। लोग अपने वाहन को आगे बढ़ाने के चक्कर में बेतरतीब ढंग से आगे बढ़ा देते हैं। जिस कारण भी जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है और दूसरे लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।