संदिग्ध डिग्री जांच के बीच DPM मिन्तुल्लाह और हेल्थ मैनेजर पत्नी का इस्तीफा, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

न्यूज डेस्क सुपौल:

जिला स्वास्थ्य समिति, सुपौल में पदस्थापित जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) मिन्तुल्लाह और अनुमंडलीय अस्पताल, निर्मली की हेल्थ मैनेजर निखत जहां प्रवीण ने एक साथ अपने-अपने पद से इस्तीफा देकर स्वास्थ्य विभाग को चौंका दिया है। यह इस्तीफा उस समय आया है जब दोनों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र की जांच शुरू की गई थी, जिससे विभाग में गड़बड़ी की आशंका और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

दोनों अधिकारियों ने 2 अगस्त 2025 को अपना इस्तीफा सिविल सर्जन सह जिला स्वास्थ्य समिति सचिव को ऑफिशियल ईमेल के माध्यम से भेजा। इस्तीफे में उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला दिया है। डीपीएम मिन्तुल्लाह ने अपनी तबीयत का कारण बताया, जबकि उनकी पत्नी ने पति की देखभाल की आवश्यकता जताई।

फर्जी डिग्री की जांच बनी इस्तीफे की वजह?

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, डीपीएम मिन्तुल्लाह की डिग्री को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर सिविल सर्जन द्वारा एक जांच कमेटी गठित की गई। इस कमेटी ने मिन्तुल्लाह के सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों को सत्यापन के लिए संबंधित विभाग को भेज दिया है।

सूत्रों के अनुसार, मिन्तुल्लाह ने अपनी मैनेजमेंट डिग्री मेघालय की सीएमजे यूनिवर्सिटी से प्राप्त की थी, जिसे वर्ष 2014 में सरकार ने बंद कर दिया था। UGC और सुप्रीम कोर्ट दोनों ही इस विश्वविद्यालय की डिग्रियों को अमान्य घोषित कर चुके हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इसी संदिग्ध डिग्री के आधार पर मिन्तुल्लाह ने जनवरी 2019 से फरवरी 2022 तक हेल्थ मैनेजर और उसके बाद डीपीएम के पद पर नौकरी की?

क्या केवल स्वास्थ्य कारण या कुछ और?

इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया है, लेकिन विभागीय जांच शुरू होते ही अचानक इस्तीफा देना संदेह को और गहरा कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अंदरखाने यह चर्चा जोरों पर है कि क्या यह इस्तीफा डिग्री की संभावित गड़बड़ी को छिपाने की कोशिश है, या वाकई व्यक्तिगत कारणों से लिया गया निर्णय?

सिविल सर्जन ने क्या कहा?

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सिविल सर्जन डॉ. ललन कुमार ठाकुर ने कहा, “दोनों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।” वहीं मिन्तुल्लाह से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ पाया गया।

स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यदि जांच में डिग्री फर्जी पाई जाती है तो न सिर्फ इनकी नियुक्ति रद्द की जा सकती है बल्कि धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के आरोप में आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है।

फिलहाल इस हाई-प्रोफाइल इस्तीफे से जिला स्वास्थ्य विभाग में हलचल मची हुई है और सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।

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